मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप उम्भा गांव में नहीं पहुंच सका अभी तक विकास 

मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप उम्भा गांव में नहीं पहुंच सका अभी तक विकास

 

सोनभद्र समाचार ब्यूरोचीफ नन्दगोपाल पाण्डेय

 

गांव में मोबाइल नेटवर्क और विद्युत आपूर्ति की है बड़ी समस्या

 

सोनभद्र, ।

आजाद भारत में भूमि विवाद को लेकर हुए सबसे बड़े नरसंहार के बाद देश दुनिया में चर्चा में आने के बाद सोनभद्र जनपद के उम्भा गांव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक नहीं दो बार भौतिक दौरा हुआ।

मारे गए लोगों के परिजनों को भरपूर आर्थिक सहायता करने के साथ साथ मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार का खजाना खोलकर उम्भा गांव में विकास का हर साधन उपलब्ध कराने की बात कही थी। उम्भा

गांव में विद्यालय, पुलिस चौकी बनाने के साथ ही सड़कों का भी निर्माण किया गया। लेकिन दूरसंचार विभाग और विद्युत विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के मंशा के खिलाफ आज़ तक उम्भा गांव में न तो मोबाइल नेटवर्क दिया जा सका और न ही विद्युत आपूर्ति ही सुनिश्चित हो सकी है।

क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान उम्भा गांव पहुंचे पूर्वांचल नव निर्माण मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गिरीश पाण्डेय ने ग्रामीणों से बातचीत कर विकास का हाल जाना। तो ग्रामीणों ने बताया कि गांव में मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से गांव में लोग देश और समाज से कटे हुए रहते हैं। बिजली समस्या को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि जब उम्भा गांव में नरसंहार हुआ था तब मुख्यमंत्री के दौरे से पहले बिजल विभाग ने नेडा के खंभो पर 16 एम एम के तार से बिजली गांव में दौड़ा दी। बाद में न तो नये खंभे लगाया गया और ना ही तार बदला गया। परिणामस्वरूप मोबाइल नेटवर्क के साथ साथ बिजली से भी आज गांव वंचित रह रहा है।

गिरीश पाण्डेय ने जिलाधिकारी सोनभद्र से उम्भा गांव में बिजली आपूर्ति एवं मोबाइल नेटवर्क देना सुनिश्चित करने के साथ साथ उम्भा गांव में कराये गये विद्युतीकरण के काम की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग भी किया है।

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