उरई, उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार सचिव/अपर जिला जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजीव ने आज जिला कारागार उरई का साप्ताहिक भ्रमण किया। उन्होंने विभिन्न बैरकों का भ्रमण किया और वहां निरूद्ध बन्दियों से पूछ-तांछ करते हुये उनकी समस्याओं को जाना समझा तथा जेल प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान जेल प्रशासन के अधिकारीगण मौजूद रहे। निरीक्षण में सचिव/अपर जिला जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजीव सरन ने बन्दियों के मुक़दमों की पैरवी, उनको दी जाने वाली विधिक सहायता/सलाह और महिला बन्दी व उनके साथ रह रहे बच्चों की चिकित्सा व खान-पान इत्यादि के बारे में जाना-परखा। उन्होंने कई बन्दियों से अलग-अलग जानकारी ली एवं जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि कोई भी ऐसा बन्दी जिसका निजी अधिवक्ता न हो अथवा विधिवत् ढंग से न्यायालयों में पैरवी न हो पा रही हो, ऐसे बन्दियों को विधिक सहायता दिलाये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। यदि किसी विचाराधीन बन्दी को पैरवी हेतु सरकारी खर्चे पर अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो सम्बन्धित न्यायालय में बन्दी की ओर से प्रार्थनापत्र दिलवाया जाना सुनिश्चित करें ताकि एमाइकस क्यूरी (न्यायमित्र) की सुविधा उपलब्ध हो सके। इसी प्रकार जो बन्दी दोषसिद्ध हो चुके हैं, अपील न हो पाने की स्थिति में नियमानुसार जेल अपील करायी जाये। इसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से आवश्यक समन्वय बनाकर ऐसे प्रकरणों का निर्धारित समयावधि में निस्तारण किया जाये ताकि अपील की मियाद समाप्त न होने पाये। जेल अपील कराये जाने में यदि कोई विधिक समस्या आ रही है तो उसको जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संज्ञान में लाते हुये द्वारा उचित माध्यम माननीय उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति से यथा आवश्यक पत्राचार किया जाये। इस अवसर पर जेल अधीक्षक नीरज देव, कारापाल प्रदीप कुमार, उप कारापाल अरविन्द सिन्हा एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जालौन के कनिष्ठ लिपिक शुभम् शुक्ला आदि उपस्थित रहे।
(अनिल कुमार ओझा ब्यूरो प्रमुख उरई-जालौन)उ.प्र.