
मुंबई के वरिष्ठ व्याख्याता श्री एस. नटरा के तीन दिवसीय स्पेस प्रोग्राम के द्वितीय दिवस पर *ग्वालियर के विभिन्न कॉलेजों के विज्ञान और इंजीनियरिंग के छात्रों ने भाग लिया। यह सत्र एम.पी.सी.टी. कॉलेज के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित किया गया, जहां छात्रों को खगोल विज्ञान, ब्रह्मांड की संरचना और वैज्ञानिक अवधारणाओं पर गहन जानकारी प्रदान की गई।
*खगोल विज्ञान के अद्भुत रहस्य*
श्री नटराजन ने छात्रों को ब्रह्मांड की उत्पत्ति, तारों के जीवन चक्र और ब्लैक होल जैसे रहस्यमय पिंडों पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि –
– ब्लैक होल किसी तारे की अंतिम अवस्था होती है जहां गुरुत्वाकर्षण इतना प्रबल होता है कि प्रकाश भी इससे बाहर नहीं निकल सकता।
– क्रैब नेबुला जो एक सुपरनोवा विस्फोट का अवशेष है, वैज्ञानिकों के लिए अध्ययन का महत्वपूर्ण विषय है।
– *गैलेक्सियों के प्रकार – स्पाइरल, एलिप्टिकल और इर्रेगुलर गैलेक्सियों की संरचना और उनकी विशेषताएं।
– सूर्य से प्रकाश पृथ्वी तक मात्र 8 मिनट 20 सेकंड में पहुंचता है लेकिन सूर्य के केंद्र से इसकी सतह तक आने में हजारों वर्ष लगते हैं।
**वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा*
श्री नटराजन ने छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने और गहरी सोच विकसित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा –
*”हम स्वयं को बुद्धिमान समझते हैं, लेकिन वास्तव में हम ‘otherwise’ हैं।”
इसके साथ ही उन्होंने **भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान* पर प्रकाश डालते हुए बताया कि:
– भास्कराचार्य ने गुरुत्वाकर्षण के बारे में न्यूटन से पहले चर्चा की थी।
– *रामानुजन का 1729 संख्या से जुड़ा गणितीय रहस्य, जिसे ‘हार्डी-रामानुजन संख्या’ कहा जाता है, गणितीय शोध का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
*प्रत्यक्ष खगोलीय अवलोकन*
सत्र के अंत में, छात्रों को टेलीस्कोप के माध्यम से ग्रहों और अन्य खगोलीय पिंडों का सीधा अवलोकन कराया गया। इस गतिविधि से छात्रों को ब्रह्मांड को निकट से देखने और समझने का अवसर मिला।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने विज्ञान और खगोलशास्त्र से जुड़े कई प्रश्न पूछे, जिनका श्री नटराजन ने अत्यंत रोचक और ज्ञानवर्धक उत्तर देकर उनकी जिज्ञासाओं को प्रोत्साहित किया।
तीसरे और अंतिम दिन (12 फरवरी 2025) के सत्र में ब्रह्मांड की उत्पत्ति, समय और अंतरिक्ष की अवधारणाएं तथा खगोलशास्त्र में नवीनतम शोध पर चर्चा की जाएगी
ब्यूरो चीफ गजेंद्र सिंह यादव