
“ऑपरेशन अभ्यास” से साबित किया कि हर आपात स्थिति से निपटने में सक्षम है टीम ग्वालियर
ध्वस्त भवन व अग्नि दुर्घटना में फँसे लोगों को बचाने का किया जीवंत प्रदर्शन
संभावित हवाई हमले वाली बस्ती के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने का अभ्यास भी किया
कलेक्टर एवं एसएसपी ने पुलिस कंट्रोल रूम में बैठकर “ऑपरेशन अभ्यास” पर रखी नजर
दिन व रात में दो बार हुआ अभ्यास
ग्रामीणों को भी आपात स्थिति से निपटने के लिये किया जागरूक
सिविल डिफेंस “ऑपरेशन अभ्यास” में ग्वालियर की संयुक्त टीम ने यह साबित करके दिखाया कि ग्वालियर जिला आपात स्थिति से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। ऑपरेशन अभ्यास (मॉकड्रिल) के दौरान देखने में वास्तविक लग रहे ऐसे छद्म (मॉक) दृश्य प्रस्तुत किए जिन्हें देखकर आभास हुआ कि जिला प्रशासन की अगुआई में पुलिस सहित सभी विभागों की टीम बड़े से बड़े संकट से पार पाने के लिये पूरी तैयार है। शासन के निर्देशों के तहत बुधवार को हुए सिविल डिफेंस “ऑपरेशन अभ्यास” के तहत ग्वालियर शहर में तीन स्थानों पर अपरान्ह 4 बजे एवं रात के समय लगभग 8 बजे मॉकड्रिल हुई। सभी स्थानों पर किए गए बचाव (रेस्क्यू ऑपरेशन) की मॉनीटरिंग कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री धर्मवीर सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम में बैठकर की और इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिलाया। ऑपरेशन अभ्यास के बारे में पंचायत राज संस्थाओं के जिले के प्रतिनिधियों एवं विभिन्न विभागों के मैदानी शासकीय सेवकों को भी बुधवार को जागरूक किया गया।
ऑपरेशन अभ्यास के तहत असल लग रहे नकली दृश्य दिखाए गए। मसलन अचानक हुए हवाई हमले से ग्वालियर रेलवे स्टेशन के समीप स्थित एक भवन अचानक भरभराकर ध्वस्त होता है और उसमें कुछ लोग दब जाते हैं। इसी तरह सिरोल थाने के समीप स्थित पुलिस कर्मियों की बहुमंजिला आवासीय कॉलोनी में आग लग जाती है और इस इमारत में कई लोग फँस जाते हैं। विमानतल के नजदीक बसे दीनदयालनगर के निवासियों को तत्काल दूसरी जगह सुरक्षित पहुँचाने की चुनौती सामने आ जाती है।
मॉकड्रिल के दौरान कंट्रोल रूम में बैठीं कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री धर्मवीर सिंह को यह सूचनाएँ मिलती हैं। अधिकारी द्वय द्वारा तत्काल फायर ब्रिगेड, एम्बूलेंस, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ, एनसीसी, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग इत्यादि की टीम को बचाव कार्य के लिए रवाना किया जाता है।
“ऑपरेशन अभ्यास” में दिखाया गया कि रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नं. एक की ओर स्थित गिरे भवन पर सबसे पहले जेसीबी मदद से मलवा हटाया जाता है। फायर ब्रिगेड भी इस काम में मदद करती हैं। डॉग स्क्वॉयड एवं एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीम साझा प्रयासों से मलवे में दबे हुए लोगों को बाहर निकालते हैं और घायलों को नजदीक में प्राथमिक चिकित्सा दिलाने के बाद एम्बूलेंस द्वारा बेहतर इलाज के लिये महेश्वरी अस्पताल भिजवाया जाता है। दुर्घटना की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी रेलवे स्टेशन पहुँचते हैं और तेजी के साथ राहत एवं बचाव कार्य को अंजाम दिलाते हैं। एसडीएम लश्कर श्री नरेन्द्र बाबू यादव व संयुक्त कलेक्टर श्री विनोद सिंह ने मॉक अभ्यास में रेलवे स्टेशन के रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व किया।
इसी प्रकार मॉकड्रिल के दौरान सिरोल थाने के समीप स्थित बहुमंजिला आवासीय इमारत में आग लगने की सूचना मिलने पर पानी का टैंकर, तीन फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीम नसेनी, रस्से, स्टॉपर और स्वास्थ्य विभाग का दल पैरामेडीकल स्टाफ, आवश्यक दवाईयां, स्ट्रेचर, व्हील चेयर एवं एम्बूलेंस के साथ मौके पर पहुँचता है। पुलिस महानिरीक्षक श्री अरविंद सक्सेना, पुलिस उप महानिरीक्षक श्री अमित सांघी, अपर जिला दण्डाधिकारी श्री टी एन सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीकृष्ण लालचंदानी एवं एसडीएम श्री अतुल सिंह मौके पर पहुँच जाते हैं। इन सभी अधिकारियों की देखरेख में तेजी के साथ बचाव कार्य शुरू किया जाता है।
जितने लोग आसानी से निकाले जा सकते थे, उन्हें जिला प्रशासन व पुलिस की टीम द्वारा सुरक्षित रूप से नजदीकी पार्क में पहुँचाया जाता है। साथ ही अग्नि दुर्घटना से प्रभावित भवन को एक रस्सी से घेर दिया जाता है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में व्यवधान न हो। पब्लिक एनांउसमेंट सिस्टम के माध्यम से लोगों को धैर्य रखने की सलाह दी जाती है। फायर ब्रिगेड आग बुझाने जुटती हैं तो एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीम भवन में फँसे लोगों को रस्से इत्यादि की मदद से बाहर निकालते हैं और वॉलेन्टियर, पुलिस बल एवं स्वास्थ्य कर्मियों की मदद से स्ट्रेचर व व्हीलचेयर द्वारा एम्बूलेंस में बिठाया जाता है। नजदीक में बनाए गए अस्थायी कैंप में प्राथमिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही गंभीर रूप से घायल लोगों को बड़े अस्पताल पहुँचाया जाता है।“ऑपरेशन अभ्यास” के तहत संभावित हवाई हमले के दृश्य में दीनदयालनगर के लोगों को बचाने की कार्रवाई को बखूबी ढंग से अंजाम दिया गया। सबसे पहले यहाँ के लोगों को घरों से सुरक्षित निकालकर अटल पार्क में एकत्रित किया जाता है और यहाँ से विशेष वाहनों द्वारा अस्थायी राहत शिविर में पहुँचाया जाता है। लगभग 300 लोगों को सुरक्षित बाहर पहुँचाने का मॉक अभ्यास दीनदयालनगर में किया गया। शिविर में सभी का स्वास्थ्य परीक्षण और पेयजल व भोजन व्यवस्था का सीन भी क्रिएट किया गया। एसडीएम मुरार श्री नरेशचन्द्र गुप्ता एवं नगर पुलिस अधीक्षक श्री नागेन्द्र सिंह व श्री राजीव जंगले के नेतृत्व में दीनदयालनगर के ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
ग्रामीण क्षेत्र में भी दी गई मॉक ड्रिल की जानकारी
ग्वालियर जिले में नागरिक सुरक्षा के लिये सिविल डिफेन्स “ऑपरेशन अभ्यास” के संबंध में ग्रामीण अंचल में भी पंचायत राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं विभिन्न विभागों के मैदानी शासकीय सेवकों को जानकारी दी गई। साथ ही आपात स्थिति में अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में बताया गया। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विवेक कुमार द्वारा जिले की चारों जनपद पंचायतों के सरपंच, सचिव, ग्राम रोजगार सहायक एवं अन्य समस्त कर्मचारियों व जनप्रतिनिधियों की गूगल मीट के माध्यम से बैठक ली। उन्होंने इस दौरान दिशा-निर्देश दिए कि आपात स्थिति को ध्यान में रखकर ग्राम पंचायतों में क्या क्या व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जाना है। साथ ही कहा गया कि गांव में यदि कोई संदिग्ध बाहरी व्यक्ति आया है तो इसकी सूचना नजदीकी पुलिस थाना व पुलिस चौकी को अवश्य दी जाए। इसी क्रम में जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं जिला पंचायत सदस्यों के साथ भी गूगल मीट की गई।
रिपोर्ट गजेन्द्र सिंह यादव