खबर सहारनपुर के चिलकाना पठेड़ से
महर्षि दयानन्द सरस्वती गुरुकुल के वार्षिक उत्सव में छात्रों ने किया योगा प्रदर्शन
चिलकाना/पठेड महर्षि दयानंद सरस्वती गुरुकुल उगगरपुर का वार्षिक उत्सव वैदिक रीति रिवाज के साथ धूमधाम से मनाया गया, जिसमें गुरुकुल के ब्रह्मचारियों द्वारा विभिन्न योगाभ्यास, जूडो कराटे
आदि का शारीरिक प्रदर्शन किया गया जिसको देखकर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंडलायुक्त सहारनपुर ने विद्यार्थियों की प्रशंसा करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि मंडलायुक्त सहारनपुर अटल कुमार राय ने कहा है कि महान क्रांतिकारी समाज सुधारक महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के सिद्धान्तों पर आधारित गुरुकुलों में आज भी हमारी प्राचीन वैदिक शिक्षा पद्धति के दर्शन किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस देश के स्वतंत्रता-संग्राम में एक ओर जहां महात्मा गांधी का योगदान रहा है, वहीं स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य प्रेरणा स्रोत स्वामी दयानंद सरस्वती जी रहे हैं, इस देश के स्वतंत्रता-संग्राम में सत्तर फीसदी आर्य समाज के लोगों ने ही अपने जीवन को भारत माता को समर्पित कर दिया था। आजाद भारत में यदि महात्मा गांधी राष्ट्र पिता हैं, तो महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी पितामह कहे जाने चाहिए। उन्होंने गुरुकुल के ब्रह्मचारियों द्वारा दिखाए गए विभिन्न योगाभ्यास, जूडो कराटे, शारीरिक प्रदर्शन से खुश होकर कुछ पुरस्कार राशि भेंट करते हुए बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें बहुत से जीवनोपयोगी टिप्स भी दिए हैं। समारोह में प्रमुख वैदिक विद्वान नरेंद्र अग्निहोत्री,
महाशय जयपाल सिंह आर्य भजनोपदेशक, आर्य संयासी सुतिक्ष जी महाराज,उत्तर प्रदेश सरकार के पुर्व मंत्री साहब सिंह सैनी, वरिष्ठ भाजपा नेता नरेंद्र बंसल, प्रमुख समाज सेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार विजय सैनी, आर्य समाज हरियाणा के मंत्री भोपाल सिंह, चौधरी हरीश पंवार, गुरुकुल के प्रबंधक अमरीश शास्त्री,प्रधानाचार्य अरविंद शास्त्री, बजरंग दल के आयुष जी महाराज,आदि बहुत से लोगों ने अपने विचार प्रकट करते हुए गुरुकुल शिक्षा पद्धति को अपनाने पर जोर दिया।
रिपोर्टर रमेंश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़