युवाओं याद रखना कुछ पाना हैं तो कुछ खोना भी होता..
परीक्षाएं हमे जीवन का संघर्ष सिखाती हैं और जीवन मे आगे बढ़ने की दिशाएं दिखती है ओर कॉपी करने वालो को जीवन मे अंधेरो में जाने का रास्ता दिखलाती है!अब दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं शुरू हो होने वाली हैं। जिंदगी का सबसे कीमती समय विद्यार्थी जीवन होता है। पढ़ने-लिखने का मतलब नकल करके या फिर अनुचित तरीके से डिग्री हासिल करना नहीं,बल्कि किताबों से मिले ज्ञान को अर्जित करना होता है!मगर अफसोस की बात यह है कि हमारे देश में कई युवा किसी भी तरह और उचित-अनुचित तरीके से डिग्री हासिल करना चाहते हैं!शिक्षा प्रणाली में दोष देश के लिए दीमक है!कुछ विद्यार्थी पढ़ाई का समय सदुपयोग नहीं करते हैं और परीक्षा के समय परीक्षा में पास होने के लिए अनुचित साधनों की तलाश करने लगते हैं! विद्यार्थियों को याद रखना चाहिए कि नकल की आदत कभी न कभी, कहीं न कहीं उनके करिअर के लिए भी बाधा उत्पन्न कर सकती है!भविष्य भी खराब कर सकती है! विद्यार्थी समय का सदुपयोग करें, तो उन्हें नकल की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।पढ़ाई करना कोई कठिन काम नहीं है।नकल करके परीक्षाओं में पास होने वाले विद्यार्थी अगर जीवन में आगे बढ़ भी जाते हैं और किसी क्षेत्र में नौकरी पा भी लेते हैं, तो क्या व अपना कार्य ठीक से कर पाएंगे? शायद नहीं। इसलिए भ्रष्टाचार के लिए शिक्षा प्रणाली में कई त्रुटियां भी जिम्मेदार हैं।
रिपोर्टर रमेंश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़