सहारनपुर चिलकाना सुलतानपुर में एकता जनसेवा समिति के तत्वाधान में हो रही श्री राम कथा के पांचवे दिन कथा व्यास आचार्य सुभाष शर्मा ने श्री राम विवाह ओर फुलवारी वाटिका का सुंदर वर्णन करते हुए कहा कि मनुष्य मैं-मैं करता फिरता है, वास्तव में दुनिया में मनुष्य का कुछ भी नहीं है। कथा व्यास ने कहा कि सभी अपने बच्चों को संस्कारित शिक्षा अवश्य दिलाएं। संस्कारवान शिक्षा से ही बच्चे आगे बढ सकेंगे। उन्होंने कहा कि राम जन्म के बाद अयोध्या नगरी में खुशियां मनाई जाती हैं। शिक्षा ग्रहण करने के बाद ऋषि विश्वामित्र राक्षसों से यज्ञ की रक्षा के लिए राम लक्ष्मण को लेकर जाते हैं।
राजा जनक के निमंत्रण पर विश्वामित्र जी राम लक्ष्मण को जनकपुरी लेकर जाते हैं। जनकपुरी में राम लक्ष्मण वाटिका में जाते हैं। राजा जनक की प्रतिज्ञा को पूर्ण करते हुए श्री राम भगवान शिव के धनुष का भंजन कर सीता जी का वरण करते हैं। राम सीता के विवाह पर देवता भी हर्षित होते हैं।
कथा में यजमान डा. दीपक सैनी, डा. सुशील मोगा शिवनंदन शर्मा रहे। आरती डा. हुकुम चंद सैनी, सचिन सैनी, प्रधान विनोद सैनी डा. संकेत, राजबीर सिंह प्रधान, सौरभ कांबोज, सचिन कांबोज, प्रमोद सैनी, अनुपम जैन, अनुज जैन, माधव गुंबर ने की।
रिपोर्टर रमेंश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़