सिंग्रामपुर: कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास कुसमी मानगढ़ की हालत वास्तव में चिंताजनक है। यह छात्रावास 2004-5 में बनाया गया था, लेकिन तब से इसका मेंटेनेंस नहीं हुआ है, जिससे इसकी दीवारें और छत टूटने लगी हैं। यहां 150 से अधिक छात्राएं रहकर पढ़ाई कर रही हैं, और सहायक वार्डन सीमा खरे के भरोसे यह छात्रावास चल रहा है।
छात्रावास की जर्जर हालत के चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है क्योंकि दीवारें से सीमेंट झर रहा है और छठ का प्लास्टर गिर रहा है। सहायक वार्डन सीमा खरे ने बताया है कि छात्रावास की अत्यंत जर्जर हालत से अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है, लेकिन शासन के द्वारा छात्रावास का मेंटेनेंस अभी तक नहीं कराया जा रहा है।
बीआरसी प्रवेंद्र वैध ने बताया है कि दो दशक से भी अधिक पुरानी कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास के मेंटेनेंस के लिए कोई राशि शासन के द्वारा प्रधान नहीं की गई है। अत्यंत जर्जर हालत के चलते अप यांत्रिक के द्वारा बीते वर्ष छात्रावास का निरीक्षण किया गया था और मेंटेनेंस के लिए ₹600000 की राशि की मांग वरिष्ठ कार्यालय से की गई थी। जैसे ही राशि प्राप्त होती है, कस्तूरबा बालिका छात्रावास का मेंटेनेंस किया जाएगा।