बाड़मेर बालोतरा से खबर
सांसद उम्मेदाराम बेनवाल ने एक्स पर लिखा : जोधपुर, बालोतरा और पाली जिले की औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले रसायन और अपशिष्ट जल के कारण लूणी, जोजरी और बांडी नदियों को सरंक्षण को लेकर मेरे अतारांकित सवाल के जवाब में बताया गया हैं कि प्लांट सुचारू रूप से चल रहे हैं, लेकिन अगर ये सही से काम कर रहे होते, तो नदियों में जहरीला पानी क्यों बह रहा है? यह साफ दर्शाता है कि अधिकारियों ने झूठे आंकड़े पेश किए हैं!
इन भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत के कारण लूणी, जोजरी और बांडी नदियां गंभीर रूप से प्रदूषित हो रही हैं। नदियों में बहता जहरीला, बदबूदार और काला पानी इस बात का सबूत है कि कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP) और एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ETP) केवल कागजों में चालू हैं, जबकि हकीकत में ये प्लांट जंग खा रहे हैं!
राजस्थान उच्च न्यायालय और NGT ने कई बार इन औद्योगिक इकाइयों पर कार्रवाई के आदेश दिए, लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत और लापरवाही के कारण इन आदेशों को दबा दिया गया। जिसका नतीजा यह है कि जल स्रोत जहरीले, किसानों की जमीनें बंजर, भूजल विषैला, वन्य जीवों की मौतें और वनस्पतियां नष्ट हो रही हैं आम जनता के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
इसलिए स्वतंत्र एजेंसी से जल गुणवत्ता और CETP, ETP प्लाटों की पारदर्शी जांच कराई जाए और रिपोर्ट सार्वजनिक हो, उनकी कार्यप्रणाली को सार्वजनिक किया जाए।
जो उद्योग बिना ट्रीटमेंट के अपशिष्ट नदियों में छोड़ रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और लाइसेंस रद्द किए जाएं।
और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रशासन की निष्क्रियता की उच्च स्तरीय जांच हो और दोषी अधिकारियों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई हो।
सरकार, प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को
इस गंभीर पर्यावरणीय संकट को तुरंत संज्ञान में लेना चाहिए, ये सिर्फ कागजी खानापूर्ति करने के बजाय जमीनी स्तर पर ठोस कदम उठाएं! जब तक सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तो हमारी नदियां और पर्यावरण यूं ही जहरीला होता रहेगा।: