
माहिर ने रखा रोज
जैसे-जैसे शाम हो रही थी वैस-वैस नन्ने माहिर का मुंह छोटा होते जा रहा था माहिर के पापा अमन खान और मम्मी तोशीबा खान ने उसे कुछ समय के लिए बाहर घुमाई उसके गले में माला डाली और उससे मस्जिद में रोजा इफ्तार के लिए ले गए माहिर ने अपना रोज इफ्तार किया और अपने दोनों हाथ उठाकर अल्लाह से दुआ की हमारे देश में अमन और शांति बनाए रहे सारे देशवासी मिलजुल कर रहे।
माहिर के पहले रोजे पर नाना नानी मामा मामी और सभी दोस्त भाइयों ने मुबारकबाद दी।