महिला अपराधों में घरेलू हिंसा अधिनियम के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला
महिला अपराधों में घरेलू हिंसा अधिनियम के महत्व के लिये महिला अधिकारी व कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला
ग्वालियर
ग्वालियर। 17.03.2025। आज पुलिस कन्ट्रोल रूम सभागार ग्वालियर में *पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह(भापुसे)* के निर्देश पर प्रशिक्षण की नोडल अधिकारी *अति0 पुलिस अधीक्षक शहर(मध्य) श्रीमती सुमन गुर्जर* के मार्गदर्शन में ग्वालियर जिले के समस्त थानों के ऊर्जा डेस्क में पदस्थ महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिये घरेलू हिंसा से महिलाओं का सरंक्षण’’* विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में प्रशिक्षण देने आये एडीपीओ महिला अपराध श्रीमती प्रगति नायक* के द्वारा ग्वालियर जिले के थानों में संचालित ऊर्जा डेस्क में पदस्त लगभग 40 महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को घरेलू हिंसा अधिनियम की बारीकियों से अवगत कराया गया। इस अवसर पर कार्यशाला में *अति0 पुलिस अधीक्षक (पूर्व/यातायात/अपराध) श्री कृष्ण लालचंदानी(भापुसे), डीएसपी महिला सुरक्षा श्रीमती किरण अहिरवार* सहित ग्वालियर जिले के थानों से आए ऊर्जा डेस्क की महिला पुलिस अधिकारी व कर्मचारी एवं महिला सेल के कर्मचारी अधिकारी उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम *अति0 पुलिस अधीक्षक (पूर्व/यातायात/अपराध) श्री कृष्ण लालचंदानी(भापुसे)* द्वारा प्रशिक्षण देने आई एडीपीओ महिला अपराध श्रीमती प्रगति नायक का पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत किया गया। उसके बाद डीएसपी महिला सुरक्षा श्रीमती किरण अहिरवार द्वारा उपस्थित महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला की रूपरेखा से अवगत कराया। प्रशिक्षण कार्यशाला में *एडीपीओ महिला अपराध श्रीमती प्रगति नायक* द्वारा कार्यशाला में उपस्थित महिला पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कहा कि घरेलू हिंसा एक गंभीर सामाजिक समस्या है जो महिलाओं, बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों के जीवन को प्रभावित करती है। यह हिंसा शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप में हो सकती है। उन्होने कहा कि घरेलू हिंसा से बचाव के लिए भारत में घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 लागू किया गया है। इस अधिनियम का उद्देश्य पीडित महिला को जल्द से जल्द न्याय दिलाना है, उनके द्वारा कार्यशाला में उपस्थित महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को महिला संबधी विवेचना में घरेलू हिंसा अधिनियम के महत्व को विस्तार पूर्वक बताया गया। उन्होने कहा कि घरेलू हिंसा के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं। यह केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है कि हम एक ऐसा समाज बनायें, जहां हर महिला सुरक्षित और सम्मानपूर्वक जीवन जी सके।
कार्यशाला के द्वितीय सत्र में *अति0 पुलिस अधीक्षक शहर(मध्य) श्रीमती सुमन गुर्जर* द्वारा उपस्थित महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम एक विशेष अधिनियम है जो घरेलू हिंसा से पीडित महिला व बच्चों को संरक्षित करती है, उन्होने डीआईआर फॉर्म के संबंध में विस्तार से बताया गया। तथा उपस्थित महिला पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों से कहा कि थाने में प्रत्येक पीडित महिला के आने पर अनिवार्य रूप से डीआईआर फॉर्म जरूर भरवायें जिसकी हर हफ्ते उनके द्वारा समीक्षा की जावेगी और हफ्ते में एक दिन शक्ति समिति के सदस्यों को काउसलिंग में शामिल जरूर करें व परामर्श की अवधि 90 दिन से अधिक नही होना चाहिये। कार्यशाला के दौरान उनके द्वारा उपस्थित महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों से उनको थाने एवं फील्ड़ के दौरान आने वाली समस्याओं के संबंध में बातचीत की गई एवं उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया गया।
*डीएसपी महिला सुरक्षा श्रीमती किरण अहिरवार* ने कार्यक्रम के दौरान उपस्थित ऊर्जा डेस्क में पदस्त महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों से कहा कि आउटसोर्स प्रोग्राम निरंतर करने की बहुत आवश्यकता है आप सभी अपने थाना क्षेत्र की आंगनवाडी कार्यकर्ताओं से सम्पर्क में रहें व उनको साथ में लेकर गरीब बस्ती वाले इलाकों में जायें जहां घेरलू हिंसा ज्यादा होती है ऐसे स्थानों पर महिलाओं को महिला अपराधों के प्रति जागरूक करें व अपने थाना क्षेत्र में ऐसे हॉट स्पॉट चिन्हित करे जहां लड़कियों के साथ छेडखानी होती है ऐसे स्थानों पर जाकर अवारा खड़े लड़कों के खिलाफ कायवाही करें और उन्हे समझाइश दें। अंत में उन्होने कार्यशाला में प्रशिक्षण देने आई एडीपीओ महिला अपराध प्रगति नायक को महिला पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
रिपोर्ट गजेन्द्र सिंह यादव