वक्फ संपत्तियों को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून का असर उत्तर प्रदेश में भी दिखने लगा है। खासतौर पर ऐसे किराएदारों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं जो वर्षों से वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर रह रहे हैं, लेकिन जिनके पास कानूनी दस्तावेजों की कमी है।
नए कानून के तहत वक्फ बोर्ड को अब अपनी संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना है और इस प्रक्रिया में सभी किराएदारों से वैध कागजात मांगे जा रहे हैं। जिन लोगों के पास किरायेदारी से संबंधित वैध दस्तावेज नहीं होंगे, उनकी जांच की जाएगी और संभवतः उन्हें संपत्ति खाली करनी पड़ सकती है।
जांच अभियान तेज
राज्य के कई जिलों में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की पहचान और उनके किराएदारों की सूची तैयार की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और अवैध कब्जों को हटाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
किराएदारों की चिंता
वक्फ संपत्तियों पर कई वर्षों से रह रहे लोग अब परेशान हैं। कुछ का कहना है कि उनके पूर्वजों से ये संपत्तियाँ किराए पर ली गई थीं लेकिन उस समय लिखित अनुबंध नहीं हुआ था। अब नए कानून के चलते उन्हें बेदखली का डर सता रहा है।
वक्फ बोर्ड की सफाई
वक्फ बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि यह कानून सभी के हित में है। “हम केवल उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं जिनके पास वैध कागजात नहीं हैं या जिन्होंने अवैध रूप से कब्जा किया है। जिनके पास वैध दस्तावेज हैं, उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं,” एक अधिकारी ने बताया।
निष्कर्ष
नए कानून के लागू होने के बाद यूपी में हजारों किराएदारों को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए दस्तावेज दिखाने होंगे। आने वाले दिनों में इस प्रक्रिया के और सख्त होने की संभावना है, जिससे वक्फ संपत्तियों पर वर्षों से रह रहे कई परिवारों की स्थिति असमंजस में पड़ सकती है।