
बांदा: बुंदेलखंड इंसाफ सेना का अनोखा प्रदर्शन,पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने सर पर मटका रखकर पेयजल की समस्या को लेकर अपर जिला अधिकारी को दिया ज्ञापन,बुंदेलखंड इंसाफ सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ए एस नोमानी सहित संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओ ने माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी बांदा को सोपां, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष ए एस नोमानी ने कहा है कि पेयजल समस्या का एक ही निदान,तत्काल बन्द हों बालू खदान,एएस नोमानी ने यह भी कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी जैसा कि आपको ज्ञात है, कि ’हर घर नल-हर घर जल’ एवं जल जीवन मिशन व नमामि गंगे आदि योजनाओं के तहत जनपद बाँदा में पेयजल समस्या को लेकर सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं,तो दूसरी ओर जनपद बाँदा में करोड़ों रुपए उक्त योजनाओं के तहत खर्च होने के बावजूद भी शहरी एवं ग्रामीण जनता बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही हैं,जो एक चिन्ता का विषय है,तथा पेयजल की समस्या को लेकर ग्राम पंचायतों से लेकर शहर की गलियों-गलियों तक से एक ही आवाज आ रही है, साहब, हमारे यहाँ पानी नहीं आ रहा है,और जैसे जैसे गर्मियों के दिन बढ़ते जा रहे हैं, पेयजल समस्या और विकराल रूप धारण करती जा रही है । और जब इस पेयजल समस्या से लोग अत्यन्त परेशान होते हैं, तो उनके आक्रोश व गुस्सा का सामना जल विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को करना पड़ता है,जबकि जल विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर जनता के साथ साथ प्रशासन के उच्चाधिकारियों द्वारा भी तरह-तरह के आरोप लगाये जाते हैं, कि यह सब जल विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही का नतीजा है,’जबकि वास्तविकता तो यह है कि पेयजल की समस्या का सबसे प्रमुख कारण जिले के केन नदी में हो रहे भारी भरकम पोकलैण्ड मशीनों से अंधाधुँध अवैध खनन है जिसके कारण केन नदी व अन्य नदियों, हैण्डपम्पों व कुँओं का जलस्तर दिन प्रतिदिन धरातल की ओर जा रहा है। जिसके कारण जल विभाग को,केन नदी से,जो पेयजल आपूर्ति का प्रमुख स्त्रोत है,उससे पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है ।अब पेयजल आपूर्ति के लिये जल-विभाग के अधिकारी व कर्मचारी क्या करें ।जब जल विभाग के अधिकारियों को केन नदी से ही पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलेगा तो समुचित तरीके से आपूर्ति कैसे सम्भव हो सकेगा।
उपरोक्त समस्याओं को पैदा करने वाले केन नदी में अवैध खनन कर रहे बालू माफिया हैं, जिस तरह से केन नदी में सोना खदान,निहालपुर खदान,गन्छा खदान, हटेठी पुरवा खदान,मरौली खदान एवं उक्त खदानों एवं अन्य खदानों के संचालकों द्वारा दिनदहाड़े अवैध खनन कर व पोकलैण्ड मशीनों से केन नदी की जलधारा से जिन्दा बालू निकालकर केन नदी,एक नाले में बदलती जा रही है,और कुछ चन्द बाहरी लोगों के पैसे व रूपये कमानें की अंधी सोंच के कारण पूरा शहर अप्रैल में ही मई व जून जैसी विकराल गर्मी के साथ पेयजल समस्या का सामना करता हुआ आ रहा है । आखिर जिला प्रशासन व खनिज विभाग इन बालू खदानों पर पाबन्दी क्यों नहीं लगा रहे हैं,अतः बुंदेलखंड इंसाफ सेना जनहित में आपसे मांग करता है कि केन नदी में संचालित सभी उक्त खदानों को तत्काल प्रभाव से जनहित में बन्द किया जाये । यदि जिला प्रशासन को जिले की जनता के प्रति व उनकी पेयजल समस्या का स्थायी समाधान करनें की हमदर्दी है तो । और यदि जिला प्रशासन इस विषय पर कोई संज्ञान नहीं लेता है,तो सामाजिक संगठन बुंदेलखंड इंसाफ सेना के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मजबूरन नगर व ग्रामीण की जनता के साथ पूरे शहर में पेयजल समस्या को लेकर एक बड़ा आन्दोलन व अशोक लाट तिराहे पर धरने पर बैठने के लिए मजबूर होंगे,जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी
बांदा से Tahir Ali