
लेकिन प्रतिमा की दुर्दशा करना और प्रसाद का निरादर करना वास्तव में गलत है। श्रद्धालुओं को भगवान की मूर्ति की पवित्रता और सम्मान का ध्यान रखना चाहिए।
जगमाल सिंह प्रजापति नीमराना
प्रसाद को भगवान को अर्पण करना एक श्रद्धापूर्ण कार्य है, जिससे भक्त अपनी भक्ति और प्रेम व्यक्त करते हैं। प्रसाद चढ़ाते समय पवित्रता और शुद्धता का ध्यान रखना आवश्यक है।
भगवान की मूर्ति की स्वच्छता और पवित्रता का ध्यान रखना आवश्यक है।भगवान की मूर्ति पर प्रसाद चढ़ाने के बाद, चींटी और मधुमक्खियों जैसे कीटों का आकर्षित होना स्वाभाविक है, प्रसाद को ढककर रखना या प्रसाद के बाद उसे तुरंत हटाना।
मंदिर की नियमित सफाई और रखरखाव सुनिश्चित करना चाहिए, जिससे कीटों का आकर्षण कम हो सक
*श्रद्धालुओं को प्रसाद चढ़ाने का उचित तरीका सीखना चाहिए* ,जिससे भगवान की मूर्ति की पवित्रता बनी रहे। मंदिर की नियमित सफाई और रखरखाव सुनिश्चित करना चाहिए, जिससे भगवान की मूर्ति और मंदिर परिसर स्वच्छ और पवित्र रहें।