
संवाददाता जगमाल सिंह प्रजापति नीमराना
इंडिया टीवी न्यूज़
कभी गर्मी कभी बरसात मौसम के बदलाव का असर खरबूज की फसल पर पड़ रहा है, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान है। अचानक तापमान में बदलाव, जैसे कि गर्मी या ठंड की लहर, फसल की उत्पादकता और गुणवत्ता को प्रभावित कर करती है।तापमान में बदलाव खरबूज की फसल के लिए उपयुक्त तापमान 25-30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए अधिक गर्मी या ठंड से फसल को नुकसान होता हैं
किसानो ने बताया खरबूज, तरबूज़ गर्मी की फसल है गर्मी से मिठास भरपूर होता हैं अधिक मुनाफा मिलता हैं इसकी पैदावार भी बढ़ती है। खैरथल तिजारा जिला में तहसील कोटकासिम क्षेत्र का खरबूज और तरबूज़ का जायका ही अलग है और फेमस भी है दिल्ली, गुरुग्राम रेवाड़ी, सोहना, भिवाड़ी, बहरोड़, नीमराना, बवाल रेवाड़ी तिजारा की मंडियो में ऊंचे दामों पर बिकते है खरबूज की फसल को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती हैं वर्षा होने से फसल नष्ट हो गई नहीं 15 जून तक चलती हैं
*सिंचाई* /रोज सिंचाई की आवश्यकता होती है, जिससे इसकी जड़ें मजबूत हों और पौधे स्वस्थ रहें। पौधे को पानी नहीं मिल ने पर मुरझा जाता हैं जड़े सूख जाती है फल पर चमक नहीं आती
**मौसम बदलने पर* फल में मीठास नहीं रहता पौधे में कीड़े लगते हैं बारबार दवा का छिड़काव किया जाता है
संवाद दाता जगमाल सिंह प्रजापति नीमराना
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