
धर्म के नाम पर गुमराह करते असली मुद्दे को..
एक हिंदू मुस्लिम की पीड़ा समझे तथा एक मुस्लिम हिंदू की तकलीफ को दूर..
हमारे देश में अनेक सांम्प्रदाय धर्मों के लोगों की अलग अलग भाषा वेशभूषा होेते हुए भी भारत की संस्कृति में एकता अखंडता रग रग में बसी हुई है और अगर एक हिंदू मुस्लिम की पीड़ा समझे तथा एक मुस्लिम हिंदू की तकलीफ को दूर करने का जज्बा रखे तो देश में किसी प्रकार के फसाद होना संभव नहीं है लेकिन कुछ राजनीतिक व धर्म के ठेकेदार अपना फायदा उठाकर धर्म को बदनाम कर आपज के रिश्तों को अलग अलग करने की कोशिश करते हैं!धर्म का उपयोग राजनीति में नहीं होना चाहिए! यह बात देश में सभी को पता है बावजूद इसके वर्तमान हालात कुछ अलग ही बात कहते हैं! वर्तमान समय में धार्मिक ग्रंथों और धर्म के नाम पर सत्ताधारी और अन्य राजनीतिक पार्टियां अपनी रोटी सेंकने में नहीं थक रही हैं! हर दिन धार्मिक मुद्दों को आगे रखकर विभिन्न टीवी बहसों और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से देश के मूल मुद्दों से भटका रही है!जनता को वैसे मुद्दों से दूर रखना चाहती है जिससे मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हो!धर्म और राजनीति के घालमेल के कारण विचित्र परिस्थितियां निर्मित होती जा रही हैं जिसमें जितने प्रश्न हैं उतने जवाब नहीं हैं!धर्म और राजनीति का घालमेल सदियों से होता आ रहा है पर वर्तमान स्वरूप काफी व्यथित करने वाला है!विभिन्न धर्मों और पंथों और उनके मतों के बारे में गहराई में जाने की जरूरत नहीं है! लेकिन धर्म के नाम पर गुमराह करना बंद होना चाहिए! धर्म के नाम पर आडंबर नहीं होना चाहिए।
रिपोर्टर रमेंश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़