बून्दी: राजस्थान सरकार ने रा.उ.मा.वि.लक्षमीपुरा को क्रमोन्नत तो कर दिया! लेकिन सरकार बिल्डिंग बनाना भूल गई! बिल्डिंग के दोनों प्रस्ताव को अभी तक भी स्वीकृत नहीं किया गया! बच्चों का भविष्य अंधकार में हे! यह बच्चों के भविष्य के साथ में खिलवाड़ किया जा रहा है राजस्थान राज्य सरकार का इस मामले को गम्भीरता से लेना चाहिए! क्योंकि सरकार ने विद्यालय को क्रमोन्नत करके भूल गई! छात्र और छात्राओं को पढ़ने के लिए अच्छे कमरे और अच्छे सुलभ शौचालय की आवश्यकता होती है मगर इस विद्यालय में इन सुविधाओं के अभाव में छात्र-छात्राओं को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है दूरदराज क्षेत्र ग्रामीण इलाकों से लड़के और लड़कियां यहां पढ़ने के लिए आते हैं लक्ष्मीपुरा सरकारी स्कूल को क्रमोन्नत कर के बाहर भी तक तो कर दिया गया! मगर अध्यापक और कमरों के अभाव में बच्चों को सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है! और अच्छा अध्ययन नहीं कर पा रहे हैं! स्कूल से प्रधानाध्यापक और लक्ष्मीपुरा के प्रतिनिधि द्वारा कई बार सरकार को प्रस्ताव भिजवा चुके हैं कई बार जिला शिक्षा अधिकारी को भी अवगत करा चुके हैं मगर राज्य सरकार में बैठे हुए मंत्रियों का बच्चों के भविष्य की अभी कोई परवाह नहीं कर रहे हैं जबकि बच्चे देश का भविष्य और निर्माण निर्माता माने जाते हैं!
हंसराज मीणा समाज सेवी का कहना है कि खेल मंत्री अशोक चाँदना हिन्डोली विधानसभा क्षेत्र का मामला है विधालय मे पुरे 5 भी कमरे नहीं है विधालय से विधालय बिल्डिन्ग को स्वीक्रत करवाने के लिए 2 प्रस्ताव एक प्रस्ताव 85लाख 20हजार व दुसरा प्रस्ताव 6कमरे का भिजवा चुके हैं उसके बाद सचिवालय से भी मुख्यमन्त्री जी को मुख्यमन्त्री कार्यलय से RDF ने CS के थ्रु पत्र भेज दिया , 5/12/2022 को लालजीराम मीना अध्यक्ष समाज सेवी भारतीय मीना समाज संगठन ने उच्च अधिकारीयो को लिखा पत्र, व 6/12/2022 को हंसराज मीना जिला संयोजक (युवा प्रकोष्ठ)राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति परिषद बुन्दी राजस्थान संगठन से उच्च अधिकारियों को लिखा पत्र कई बार ई-मेल, व्हाट्सएप ,स्पीड पोस्ट के जरिए पत्र भिजवा दिया
फ़िर भी अभी तक दोनों प्रस्ताव स्वीक्रत नहीं हुए हैं लक्षमीपुरा विधालय मे असुविधा होने के बावजूद भी खेल प्रतियोगिता में काली बानो, कोमल मीना, पुजा मीना इन तीन बालिकाओ का टेनिस बॉल क्रिकेट में 4 लड़को का हुआ राज्य स्तर पर चयन हुआ! मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अशोक चाँदना आप इस मामले को को तुरंत प्रभाव संज्ञान में लें ! बच्चों का भविष्य अंधकार में हे व दोनों प्रस्तावॊ को तुरंत प्रभाव से स्वीकृत करवाएं! अन्यथा ग्रामीणों और सरपंच के द्वारा उग्र आंदोलन भी किया जा सकता है
संवादाता पुरुषोत्तम बूंदी