जिला-सिवनी ब्यूरो चीफ
अनिल दिनेशवर
@ 13 साल बाद भी पूर्ण नही हो पाई नगर विकास की परिकल्पना
नही हो सका सिवनी का विस्तार,नेताओ का खूब हुआ विकास
नगर का बहुआयामी विकास करने की दृष्टि से ढाई लाख की जनसंख्या हेतु योजना तैयार की गई है जिसमें आवासीय,
वाणिज्यिक,मिश्रित,औधोगिक,सार्वजनिक व अर्द्धसार्वजनिक सहित परिवहन व नगरीय अधोसंरचना के उन्नयन हेतु प्रस्ताव दिय गय थे,हर 5 वर्ष में योजना का नया प्रारूप अधिसूचना के माध्यम से प्रकाशित होता है लेकिन वस्तुस्थिति कुछ और ही है,जहाँ 13 वर्ष बीतने के बाद भी सिवनी विकास योजना के अंतर्गत प्रस्तावित विकास व विस्तार के कार्य पूर्ण नही हो पाए हैं
16 सितंबर को पुनः 2035 तक कि विकास योजना हेतु आपत्ति व दावे का निराकरण करने हेतु विभाग द्वारा जबलपुर रोड स्थित वाटिका सेलिब्रेशन लॉन में बैठक आयोजित की गई थी जहां सांसद ढालसिंह बिसेन सहित सिवनी विधायक मुनमुन राय सहित अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे । ग्राम निवेश विभाग द्वारा ढाई लाख की जिस जनसंख्या का अनुमान योजना बनाने के दौरान लगाया गया है उसमें18 ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल हैं जिनकी आबादी को भी सिवनी नगर में सम्मिलित किया गया है बिझेंवाड़ा,मानेगांव,बिठली,पलारी,छिड़िया,डोरली छतरपुर,खेरी, सिमरिया,मरझोर,बम्होडी,लखनवाड़ा,कोनियापार,परतापुर,लोनिया,लुघरवाड़ा,डुंडासिवनी(आंशिक)व मंगलिपेठ आंशिक शामिल हैं
कागजों में संचालित योजना,विभाग द्वारा बनाई गई योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए नगरपालिका एवं जिला प्रशासन सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है लेकिन सिवनी जिले में स्थित यह हैं की 2008 के दौरान जिन मूलभूत विकास की सुविधाओं को प्रस्तावित किया गया था उनमे से एक का भी क्रियान्वयन आजतक नही हो पाया है स्थिति यह है कि जिन 18 ग्रामो को नगर में शामिल करना था उनमें से एक भी गांव 13 वर्ष के दौरान पालिका क्षेत्र सिवनी सम्मिलित नही हो पाया है
वर्ष 2008 के दौरान ही नगर की बढ़ती जनसंख्या व विस्तार को ध्यान में रखते हुए विभाग ने एम आर -1,एम आर-2,एम आर-3, मार्ग बनाय जाने का प्रस्ताव रखा गया था लेकिन इनमें से एक भी सड़क निर्मित नही हो पाई है वहीं नागपुर रोड स्थित ग्राम खेरी में ट्रांसपोर्ट नगर के लिए स्थल चयन किया गया था परन्तु निर्माण हेतु सत्तासीन भाजपा ने राज्य सरकार से राशि स्वीकृत कराने के लिए प्रयास ही नही किया
वही6 नेताओं का बहुत विकास हुआ 13 साल के दौरान जिले की जनता ने भाजपा के प्रत्याशियों को नगर विकास के लिए जमकर समर्थन किया और लगातार विधानसभा व लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान कर सांसद व विधायक निर्वाचित करवाय लेकिन निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने कभी भी नगर विकास की इन योजनाओं को क्रियान्वित करने में रुचि नही ली । हालाकि इस दौरान नेताओं ने जमकर आर्थिक विकास अवश्य किया और आज भी नगर विकास व विस्तार की दौड़ में छिंदवाड़ा व बालाघाट जिले से पिछड़ा हुआ है