अकरम खान पटेल की रिपोर्ट।
बैतूल। अखिल भारत अनुसूचित जाति परिषद के तत्वावधान में भारत रत्न डॉ.अम्बेडकर का अम्बेडकर चौक पर महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया। इस मौके पर सुखराम पंडाग्रे ने कहा कि अर्थशास्त्र, संविधान शिल्पी, आधुनिक भारत की नींव रखने वाले कानूनविद, आजाद भारत के पहले कानून मंत्री डॉ.भीमराव आंबेडकर जिन्हें पूरी दुनिया सम्मान के साथ बाबा साहब के नाम से पुकारती है। वह अपने युग के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे राजनेता और एवं विचारक थे। 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। बंटी वासनिक और यश गोठी ने कहा कि बाबा साहब ने कहा कि उनका जीवन तीन गुरुओं से कामयाब बना है। उन्होंने जिन तीन महान व्यक्तियों को अपना गुरु माना, उसमे उनके पहले गुरु थे तथागत गौतम बुद्ध, दूसरे थे संत कबीर और तीसरे गुरु थे महात्मा ज्योतिराव फुले थे। उनके तीन उपास्य थे ज्ञान, स्वाभिमान और शील। बाबा साहब के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। इस अवसर पर संतोष वाघमारे, दिनेश उइके, दिनेश खातरकर, रामदास पाटील, अशोक निरापुरे, श्री मासोदकर, जासूराम गोरस्कर, नरेन्द्र कसावरे सहित कई अधिवक्तागण मौजूद थे।