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सिवनी / स्वास्थ्य विभाग लू को लेकर जारी की एडवाईजरी ‘’हम पर ना पड़े भारी, गर्मी वाली बीमारी’’

जिला-सिवनी ब्यूरो चीफ
अनिल दिनेशवर
@ स्वास्थ्य विभाग लू को लेकर जारी की एडवाईजरी

‘’हम पर ना पड़े भारी, गर्मी वाली बीमारी’’

मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी डॉ. राजेश श्रीवास्‍तव ने बताया कि ग्रीष्‍म ऋतु में जिले में वर्तमान परिस्थितियों में अत्‍यधिक गर्मी को दृष्टिगत रखा जाए, क्‍योंकि ऐसे शुष्‍क वातावरण में लू (तापघाप) की संभावना जानलेवा भी हो सकती है

 

 

 

 

बढ़ते तापमान तथा ग्‍लोबल वार्मिंग को कम करने एवं जलवायु परिवर्तन के विपरीत प्रभावों से पर्यावरण की रक्षा के लिए समाज के विभिन्‍न वर्गो का सहयोग अत्‍यंत आवश्‍यक है। इसलिए विश्‍व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जलवायु परिस्थितियों के लिए उपयुक्‍त छायादार वृक्ष्‍ा अवश्‍य लगाए। तापमान वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए जनसाधारण विशेषत: वृद्ध, गर्भवती महिलाओं, शिशुओ तथा दिव्‍यांगो के स्‍वास्‍थ्‍य पर विशेष रूप से ध्‍यान दिया जाना चाहिये।

 

 

 

 

 

सतर्क रहें बीमारी के लक्षणों को याद रखें और सावधानी बरते। गर्म लाल और सूखी त्‍वचा, मतली या उल्‍टी, बहुत तेज सिर दर्द, मांसपेशियो में कमजोरी या ऐठन, सांस फूलना या दिल की धड़कन तेज होना, घबराहट होना, चक्‍कर आना, बेहोशी और हल्‍का सिरदर्द। यदि आप या अन्‍य कोई अस्‍वस्‍थ महसूस करें तत्‍काल चिकित्‍सकीय परामर्श्‍ प्राप्‍त करें।

 

 

 

 

 

ग्रीष्‍म ऋतु में बीमारी से बचाव के लिए पर्याप्‍त मात्रा में तरल पदार्थो का सेवन करें। शरीर को ढके, ढीले एवं हल्‍के रंग के कपड़े पहने, तीव्र धूप को घरों के अंदर आने से रोके, दिन में 12:00 बजे से 4:00 बजे तक भीतर रहें। धूप में बच्‍चों और पालतू जानवरों को गाड़ी में अकेला न छोड़े, शराब, चाय कॉफी, अत्‍यधिक मीठे पेय पदार्थ एवं गैस वाले पेय पदार्थो का सेवन न करें। दिन में 02:00 बजे से लेकर 04:00 बजे के बीच में खाना बनाने से बचे। धूप में नंगे पाव न निकले।

 

 

 

 

प्रदूषित हवा स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक है। बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण से बचने के लिए विशेषकर गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग लोग, श्‍वसन रोग मरीज, हृदय रोग मरीज एवं 5 वर्ष के छोटे बच्‍चे ज्‍यादा प्रदूषित जगहो पर न जाए, जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकले, आंखो में जलन, सांस की तकलीफ या खांसी होने पर डॉ से संपर्क करें। दिल, फेफड़े व अन्‍य गंभीर बीमारी के रोगियो का विशेष ध्‍यान रखे, पटाखे, कूड़ा व पत्तियां आदि न जलाएं। धम्रपान से बचे एवं धुआं रहित ईधन का प्रयोग न करें।

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