अनूपगढ से डी एल सारस्वत की खास रिपोर्ट
अनूपगढ। अंतर्राष्ट्रीय सीमा के नजदीकी गांव बिंजौर में प्रेम के प्रतीक लैला–मजनू के मेले का समापन गुरूवार को हुआ। मेला 11 जून को शुरू हुआ था जिसका विभिन्न रूप से समापन कल किया गया। गुरूवार को मेले के आखिरी दिन आस्था का सैलाब उमड़ा तथा प्रेमी जोड़ों सहित आमजन ने मुरादे मांगी। मेला कमेटी के अध्यक्ष राजकुमार ने बताया कि मेले में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे तथा मेले के समापन पर काफी रोनक नजर आई। भीषण गर्मी होने के बावजूद हजारों श्रद्धालुओं ने लैला मजनू की दर पर मत्था टेककर मन्नते मांगी। मेले में पंजाब, हरियाणा व राजस्थान सहित पूरे देश तथा विदेश से हजारों श्रद्धालु पहुंचे। ऐसी मान्यता है कि जो श्रद्धालु यहां से मन्नत मानकर जाता है उसकी मन्नत जरूर कबूल होती है।मेला कमेटी ने संभाली व्यवस्थाएं–मेले को लेकर मेला कमेटी ने व्यवस्थाएं संभाली हुई थी। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो इसके लिए कमेटी पूरी तरह से श्रद्धालुओं की सेवा में लगी रही। कमेटी द्वारा लगातार 5 दिनों तक लंगर सेवा चलाई गई तथा श्रद्धालुओं को पेयजल की कोई कमी ना हो उसके लिए लगातार टैंकर मंगवाए गए और ठंडे पानी की छबीले भी लगाई गई। इसके अलावा मेले में आयोजित होने वाले विभिन्न आयोजनों को लेकर व्यवस्थाएं बनाई हुई थी।मेले में रोज हुई मनोरंजक एवं खेल गतिविधियां–मेले में रोजाना अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए। गुरूवार को विभिन्न कलाकारों द्वारा रंगारंग प्रस्तुतिया दी गईं तथा पहलवानों की ओर से कुश्ती दंगल में दमखम दिखाया गया। मेले के समापन दिवस पर कुश्ती का फाइनल मुकाबला खेला गया। इसके अलावा बच्चो के लिए विभिन्न आकर्षक झूले भी लगाए गए जिनका काफी लुत्फ उठाया गया।बीएसएफ सहित खुफिया एजेंसियां रही अलर्ट चूंकि लैला–मजनू की मजार भारत–पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक है इस कारण मेले के दौरान बीएसएफ, पुलिस एवं सीआईडी सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियां मुस्तेद नजर आयी। मेले में लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ी जिस कारण मेले के चप्पे चप्पे पर सुरक्षा एजेंसियां नजर रख रही थी। वही मेले में पुलिस का जाब्ता भी तैनात रहा।