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ओबीसी और दलितों पर फोकस,साधेंगे जातीय समीकरण
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केंद्र में गये तो यूपी को मिलेगा नया अध्यक्ष,कई आयेंगे तो कई जायेंगे
लखनऊ,10 जुलाई 2023 (यूएनएस)। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के भीतर बड़े बदलाव की आहट सुनाई दे रही है। बीजेपी का ओबीसी और दलितों पर फोकस है। जातीय समीकरण साधने के लिए पार्टी जल्द बड़े फैसले ले सकती है। बीजेपी सूत्रों की माने तो पार्टी यूपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को दूसरी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। केंद्र गये तो यूपी को नया अध्यक्ष भी मिल सकता है। यूपी में 80 फीसदी जिलाध्यक्ष बदले जाने की अटकलें हैं। बीजेपी के सूत्रों की माने तो दिल्ली में मंथन हो रहा है। बड़े उलटफेर होने की संभावना है। राज्य की कुछ प्रमुख जातियों के नेताओं को टीम मोदी में जगह मिलने की उम्मीद है तो कुछ को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की टीम में। कहते हैं, एक महिला ओबीसी मंत्री वर्तमान में टीम मोदी का हिस्सा हैं उनको यूपी में लगाया जा सकता है। यह सब अटकलें हैं लेकिन फाइनल तो जो मोदी चाहेंगे ,वही होगा। यूपी भाजपा प्रमुख भूपेन्द्र चौधरी और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की 2 और 3 जुलाई को लखनऊ और दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठकें हुई जिसके बाद लोग गुणा भाग करने लगे। कुछ भाजपा नेता योगी सरकार के साथ राष्ट्रीय भाजपा टीम का भी हिस्सा रहे हैं उन्हें टीम मोदी या भाजपा की राष्ट्रीय टीम में शामिल किया जा सकता है। फोकस ओबीसी और दलितों पर हो सकता है, ऊंची जातियों को भी वजन मिलेगा। बीजेपी चुनाव से पहले जातीय समीकरण बढ़िया करेगी। ओबीसी सहयोगियों अपना दल एस और निषाद पार्टी के अलावा भाजपा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी पर भी निगाह गड़ाए है। 2019 के लोकसभा चुनावों में निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद के बेटे प्रवीण ने भाजपा के सिंबल पर लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता जबकि संजय योगी सरकार 2.0 में कैबिनेट मंत्री बने। कुछ भाजपाइयों का मानना है कि ओम प्रकाश राजभर को मंत्री बनाया जा सकता है और उनके बेटे अरुण को गाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। अफजाल अंसारी की अयोग्यता के बाद उपचुनाव होने की उम्मीद प्रबल है।