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चन्दौली /वाराणसी। 22 लेखपाल नियुक्त, फिर भी वरुणा-असि के डूब क्षेत्र का सीमांकन नहीं, 762 लोगों को दिया जा चुका है नोटिस

22 लेखपाल नियुक्त, फिर भी वरुणा-असि के डूब क्षेत्र का सीमांकन नहीं, 762 लोगों को दी जा चुकी है नोटिस
Indian tv news
ब्यूरो चीफ. करन भास्कर चन्दौली उत्तर प्रदेश
चन्दौली /वाराणसी : देखा जाए तो हर नदी का अपना डूब क्षेत्र होता है। जब कभी बाढ़ आएगी तो पानी डूब क्षेत्र में भरता है। यह इलाका खाली रखा जाता है ताकि किसी प्रकार की जनहानि न होने पाए। वरुणा और असि के डूब क्षेत्र में सैकड़ों अवैध निर्माण हैं।वाराणसी में गंगा की सहायक नदियां वरुणा और असि के डूब क्षेत्र का सर्वे तो किया गया, लेकिन सीमाकंन आज तक नहीं हुआ है। वीडीए ने वरुणा और नगर निगम ने असि नदी के किनारे 50-50 मीटर क्षेत्र को ग्रीन बेल्ट घोषित किया था, लेकिन सीमांकन न होने से नदियों के अस्तित्व पर खतरा है।पूर्व में जब वरुणा कॉरिडोर बनाया गया तो डूब क्षेत्र में आने वाले 762 लोगों को वीडीए की ओर से ध्वस्त करने का नोटिस दिया गया था। कुछ जगहों पर कार्रवाई भी की गई, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया। हाल ही में असि को लेकर नगर निगम ने अभियान चलाया। कई अवैध निर्माणों को चिह्नित किया गया। कुछ अवैध निर्माण तोड़े गए, लेकिन सीमांकन न होने से ऊहापोह की स्थिति बनी रही। राजस्व विभाग कागजी कार्रवाई कर रहा है। हाल ही में राजस्व से जुड़े मामलों को निपटाने के लिए 22 लेखपाल भी रखे गए। बावजूद सीमांकन अब तक पूरा नहीं किया गया।बोले अधिकारी, सीमांकन की कार्रवाई चल रही है

न तो नगर निगम और न ही वीडीए की ओर से सीमांकन से जुड़ा कोई बोर्ड लगाया गया है। 50 मीटर ग्रीन बेल्ट की भी सीमा नहीं बनाई गई है। इसी सीमांकन की रिपोर्ट एनजीटी ने मांगी है। पूर्व में भेजे रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 नालों से वरुणा में आंशिक या गैर शोधित जल गिराया जा रहा है। असि पर 2.80 करोड़ लीटर गैर शोधित अपशिष्ट जल प्रतिदिन छोड़ा जा रहा है।

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