राम कथा का चौथा दीवस सम्पन्न सोनभद्र समाचार
ब्यूरों नंदगोपाल पांण्डेय सोनभद्र
ग्राम तरावा रामसरोवर पोखरा शिव मंदिर पर चल रहे मानस नवान्ह पाठ एवं श्री राम कथा के चौथे दिन मानस माधुरी सुनीता पांडे ने कथा में भगवान श्री राम के वाले जीवन, ताड़का वध एवं अहिल्या उद्धार की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्री राम ने अपने बाल्यावस्था में अपनी मां कौशल्या से खेलने के लिए तब मां द्वारा काफी समझाने बुझाने के बाद अपने हठ को समाप्त किया फुलवारी प्रसंग की कथा करते हुए कहां की ऋषि विश्वामित्र जैसे क्रोधी संत भी आज भगवान के पास सरल बन जाते हैं,भगवान को मांगने के लिए वह अयोध्या में दशरथ जी से भगवान को मांग करके ले आते हैं और अपने यज्ञ की रक्षा कराते है और राम लक्ष्मण को लेकर के अहिल्या का उद्धार करते हुए राम लक्ष्मण और विश्वामित्र जी जनकपुरी पहुंचते हैं वहां गोस्वामी तुलसीदास जी ने मानस में लिखा भगवान विश्राम रात्रि जनकपुर में किया और सुबह गुरुजी ने भगवान को पुष्प वाटिका में पुष्प लाने के लिए कहते हैं भगवान श्री राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण जी को लेकर पुष्प वाटिका के द्वार पर जाते हैं और द्वारपाल द्वारा रोके जाने पर काफी अनुनय विनय के उपरांत पुष्प वाटिका में प्रवेश करते हैं ठीक उसी समय पुष्प वाटिका में माता सीता अपनी सहेलियों के साथ गिरिजा पूजन के लिए आती है इसके पूर्व भगवान श्री राम जब नगर भ्रमण करते हैं तब माता सीता की सहेलियां उन्हें देखकर मंत्र मुगध हो जाती हैं और राम के अनुपम सौंदर्य का बखान माता सीता से करती है, उसे वाटिका में सहेलियां द्वारा यह बताए जाने पर की भगवान श्री राम पुष्प वाटिका में फूल लेने के लिए आए हुए हैं माता सीता उन्हें देखने जाती है तथा भगवान राम एवं माता सीता एक दूसरे को देखते ही रह जाते हैं!
इस अवसर पर अरविंद पांडे,, कृष्णा तिवारी, रविंद्र देव, उमेश देव, रामचंद्र केसरी, धनंजय देव, भोला भारती, गोपी, राम विश्वकर्मा, छवेंद्र कनौजिया, चुने पटेल, मनोहर कनौजिया, परोरा पासवान, महेश, गणेश, समेत सैकड़ो लोगों उपस्थित रहे