जनपद फतेहपुर न्यूज़ ।।
दीपक मिश्रा रिपोर्ट, राम जी कैमरा मैंन के साथ इंडियन टीवी न्यूज चैनल।
जिले में धड़ल्ले से चल रही हाई स्कूल,इंटर ,डांस और कॉम्पिटिशन कोचिंग ।
क्या कोचिंग संचालको के लिए नही है कोरोना की गाइड लाइन
क्या प्रशासन की नजर केवल गाड़ी चालको पर ही टिकी,क्यों संस्थान नही आते नजर में ।
जिले में सुबह और शाम देखी जा सकता है बच्चो की भारी भीड़,खुलेआम उड़ रही धज्जियाँ
फतेहपुर।एक तरफ योगी सरकार और मोदी सरकार लगातार देश को बचाने के लिए कोरोना वैक्सीन लगवाने और कोरोना गाइड लाइन पालन करवाने की बात कर रही है और लोगों से अपील कर रहे हैं कि वह घर से बाहर न निकले और जितना हो सके एक घर के अंदर ही रहे, आवश्यक कार्य होने के बाद ही घर से निकले कोरोना बचाव के नियमो का पालन करें और कोरोनावायरस से संक्रमित होने से बचे ।
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी कॉलेजों को और कोचिंग संस्थानों को बंद करने के निर्देश दिए हैं जिनका ट्वीट हाल ही में वायरल भी हुआ है लेकिन इसके बावजूद भी फतेहपुर जिले के अधिकांश कोचिंग संस्थान जस के तस उसी तरह से चल रहे हैं कोचिंग संस्थान के मालिकों को किसी भी तरह का कोरोनावायरस का कोई भी डर समझ में नहीं आ रहा है वह चंद रुपयों के लिए बच्चों को कोरोना संक्रमित कर देंगे जिसकी चिंता प्रशासन की ओर से तनिक भी नजर नहीं आती।
जिले की प्रमुख आईटीआई रोड जिसे की कोचिंग हब भी कहा जाता है मैं लगातार लड़के और लड़कियों को बैग टांगे हुए देखा जा सकता है जो कि लगातार कोचिंग में अपने पाठ्यक्रमों की पढ़ाई के लिए सतत रूप से आ जा रहे हैं अब सवाल यह उठता है कि जब प्रशासन के द्वारा बंद करने के निर्देश दिए गए हैं तो किसके आदेश पर यह कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं अगर बच्चे कोरोना संक्रमित हो जाते हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा, आम नागरिकों की सुरक्षा का जिम्मेदार भी कोई नहीं है इसके बावजूद भी बच्चों की जिंदगी से यह कोचिंग संस्थान के ठेकेदार खेल खेल रहे हैं । अब देखना यह है की क्या जिले का शिक्षा विभाग और आला अधिकारी इस ओर ध्यान देंगे या नहीं ।
आप लगातार हर चौराहे पर देख सकते हैं कि किस तरह से पुलिस प्रशासन अपनी कार्यवाही सतत रूप से कर रही हैं और बाइक चलाने वाले लोगों का मास्क न लगाने और हेलमेट न लगाने और सड़क पर भी बिना मास्क घूमने वालो पर चालान कर रही हैं ,लेकिन क्या शिक्षा विभाग जरा सा भी अपनी कार्यवाही पूरी नहीं कर सकता अगर वह भी पूरी तरह से सक्रिय हो जाए तो ऐसे संचालकों पर कठोर कार्यवाही कर भविष्य में कोरोना से बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सकता है अगर अब भी प्रशासन की आंखें नहीं खुलती है तो जिस तरह से कोरोना संक्रमितओं की संख्या लगातार बढ़ रही है इसमें प्रशासन का हाथ माना जाएगा और इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
