जनपद फतेहपुर न्यूज़ ।।
जिला संवाददाता दीपक मिश्रा, राम जी कैमरा मैंन के साथ इंडियन टीवी न्यूज चैनल ।
युवाओं की मेहनत लाई रंग, अमौरा बना माॅडल गांव ।
युवाओं ने है ठाना, मॉडल गाँव है बनाना, गांव के कई युवा दूसरे जनपदों में कर रहे नौकरी
मॉडल गाँव मेनिफेस्टो के जरिये बदलाव की बयार लाने की पहल
मॉडल गाँव की खूबियों को समुदाय के बीच पहुंचाने में जुटे युवा ।
फतेहपुर।
देश को विकास की ओर ले जाने के लिये अब युवाओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। उत्साही युवा अब अपने गांव को ही श्मॉडल गाँवश् बना रहे हैं। भारत गांवों में ही बसता है बस इसी सोच को साकार करने के लिये युवाओं की टोली गांव को मूलभूत सुविधाओं से लैश कर रहे है। इसके लिए वह बाकायदा । पम्पलेट.पोस्टर आदि के जरिये मॉडल गाँव की सोच को समुदाय तक पहुंचाने में जुटे हैं। इसके लिए इन युवाओं का दिशा.निर्देशन श्मॉडल गाँवश् संस्था कर रही है। आईसीआईसीआई फाउंडेशन के सहयोग से पूरी तत्परता से सूबे में कार्य कर रही यह संस्था देश के कुछ ऐसे गाँवों की तस्वीर भी लोगों के सामने पेश कर रही है जो कि अपने सराहनीय कार्यों के बल पर लोगों के जीवन में नया सबेरा ला सके हैं। संस्था के कार्यकलापों के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए वेबसाइट यउवकमसहंवदण्वतहद्ध पर भी संपर्क किया जा सकता है ।
फतेहपुर ।
विकास खंड के अमौरा गाँव निवासी विनय सिंह ऐसे ही जुझारू लोगों में शामिल हैं जो कि अपने गाँव को मॉडल गाँव बनाने का संकल्प लेकर मॉडल गाँव के मेनिफेस्टो को जन.जन तक पहुचाने में जुटे हैं। उनका कहना है कि आईएएस अधिकारी हीरालाल के दिशा निर्देशन पर काम करके वह गाँव को एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने की ठान चुके हैं। इसके लिए उन्होंने पोस्टर तैयार कर रखा हैए जो गाँव.गाँव पहुंचा रहे हैं जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि एक गाँव को मॉडल गाँव बनाने के लिए किस तरह चरणबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि उनके पिता अशोक सिंह दो पंचवर्षीय से प्रधान रहे है। उन्होंने गांव के ही युवाओं और बुजुर्गों को एक साथ लेकर अभियान की शुरूआत की। गांव के युवाओं को काउंसलिंग के जरिये कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण दिलाया। गांव के ही उमाकांत पांडेय धवलपुर में तैनात हैं इसी प्रकार रणविजय शुक्ला कानपुर और ब्रज किशोर ग्वालियर में रोजगार से जुडकर सफलता हासिल कर रहे है। इसी प्रकार किसानों को जागरूक करके गांव में ग्रीन हाउस बनाने के लिये खेती संस्था के माध्यम से प्रस्ताव भेजा गया है। इस अभियान में किसान विवेक और मुकेश भी तैयार हो गये है। जल संकट का सामना कर रहे लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया। गांव में कई जगह पाइप में टोटियां गायब होने से पानी की बर्बाद हो रहा था गांव के होरीलाल कश्यप और घुरई ने पाइप में टोटियां लगाकर जल संरक्षण की ओर सार्थक कदम बढायां।
गांव को माॅडल गांव बनाने की ओर एक और ठोस कदम उठाते हुये विनय सिंह ने प्रधान के समक्ष ग्रामीणों की बैठकी की और गांव में वाटर हार्वेस्ट प्लांट लगाने की ओर पहल किया। यहीं नहीं सरकार के स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिये घर घर जाकर लोगों को शौचालय के उपयोग के लिये जागरूक किया। विनय सिंह ने बताया कि गांव में करीब छह सौ शौचालय हैं लेकिन अधिकांश लोग इसका उपयोग नहीं करते थे। इसके लिये युवाओं की टोली बनाकर घर घर लोगों से मिले और उन्हे जागरूक किया। इसका असर यह रहा कि आज के समय में शत प्रतिशत लोग शौचालय का उपयोग कर रहे है। विनय सिंह ने बताया कि अमौरा गांव के बाद रावतपुर कोटिया गांव में माॅडल गांव बनाने का काम शुरू किया जायेगा।
गाँव घोषणा पत्र यविलेज मेनिफेस्टोद्ध पर अगर सही मायने में अमल की जाए तो गाँव को हर स्तर पर विकसित बनाने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने मॉडल गाँव के सपने को साकार करने के लिए लोगों को किन बिन्दुओं पर ध्यान केन्द्रित करना हैए इस बारे में पम्पलेट और पोस्टर तैयार कर रखे हैं और उसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा रहे हैं। उनका कहना है कि क्षेत्रीय युवा इसमें रूचि भी दिखा रहे हैंए उन युवाओं का मानना है कि बाहर जाकर महीने में आठ.दस हजार रूपये कमाने से बेहतर है कि अपनी खेती.किसानी पर ध्यान दिया जाए तो उससे बेहतर कमाई हो सकती है और घर.परिवार की देखभाल भी हो सकती है । उन सभी का प्रयास है कि अब अपने गाँव को इस तरह चमका देना है कि लोग उदाहरण के रूप में उसे पेश करें।
इनसेट ..
क्या है गाँव घोषणा पत्र रू
गाँव घोषणा पत्र का मुख्य उद्देश्य इसके माध्यम से गाँव में विकास का एजेंडा स्थापित कर और चेंजमेकर तैयार कर गाँव का सर्वांगीण विकास करना है। इसके अलावा इसमें उन मूलभूत सुविधाओं को शामिल किया गया हैए जो उसे मॉडल गाँव की श्रेणी में शामिल कर सके और गाँव में खुशहाली ला सके । इन प्रमुख बिन्दुओं में शामिल हैं. गाँव की सफाई व्यवस्था चुस्त.दुरुस्त होए गाँव में कोई भी अनपढ़ न होए इलाज. दवा के साथ योगा की भी हो व्यवस्थाए बिजली भरपूर मात्रा में मिले खासकर सोलर वाला गाँव बनाने पर जोर होए पेयजल व सिंचाई के लिए पानी की अच्छी व्यवस्था होए रोजगार यानि सभी हाथ को काम पर जोर दिया जाएए गाँव में संवाद तंत्र यानि आधुनिक इंटरनेट की सुविधा होए उत्पादों को बेचने की भरपूर और अच्छी व्यवस्था हो । गाँव में जैविक उत्पाद को प्राथमिकता मिलेए गाँव को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर होए विवाद रहित खुशहाली वाले गाँव की सोच विकसित की जाएए गाँव का नियम और लेखा का रखरखाव होए गाँव का बायोडाटा.प्रोफाइल तैयार किया जाएए किसान उत्पादक संगठन यऍफपीओद्ध बनाने पर जोर होए प्रवासी ग्रामवासी संपर्क व सहायता की व्यवस्था हो और कुपोषण को खत्म करने पर जोर हो । इसके अलावा वृक्षारोपण यमेड़ पर पेड़द्ध पर जोर होए खेलए कला व संस्कृति के विकास का ध्यान रखा जाएए महिला विकास पर जोर होए प्रतिभा चयन व विकास की व्यवस्था होए ग्राम समस्या और समाधान पर मंथन होए देश व प्रदेश सरकार के कार्यक्रमों को गाँव में मजबूती के साथ लागू करना और गाँव स्थापना दिवस के आयोजन की व्यवस्था हो । इतनी व्यवस्था यदि गाँवों में कर दी जाए तो वह समूर्ण मॉडल गाँव का दर्जा प्राप्त कर सकता है ।
