
कौशिक नाग-कोलकाता ममता बोलीं- राजभवन जाने से डर रहीं महिला विधायक, स्पीकर ने राष्ट्रपति से मांगी मदद पश्चिम बंगाल में नए विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर तृणमूल कांग्रेस और राज्यपाल के बीच तनातनी बढ़ गई है। दोनों टीएमसी विधायक सायंतिका बंद्योपाध्याय और रायत होसैन सरकार राजभवन के बजाय विधानसभा में ही शपथ लेना चाहते हैं। उनका कहना है कि राजभवन में महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल नहीं है। यह विवाद तब और बढ़ गया जब दोनों विधायकों ने बुधवार को राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा राजभवन में शपथ ग्रहण के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने विधानसभा परिसर में बीआर अंबेडकर की प्रतिमा के सामने धरना दिया और विधानसभा अध्यक्ष को ही शपथ दिलाने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इस प्रक्रिया में बाधा डालने का कोई अधिकार नहीं है। बनर्जी ने कहा कि कोई भी राजभवन नहीं जाना चाहता क्योंकि वहां कुछ ऐसी गतिविधियां चल रही हैं। महिलाएं राजभवन में प्रवेश करने से डरती हैं। उनका इशारा लोकसभा चुनाव के दौरान राज्यपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक महिला कर्मचारी की शिकायत की ओर था। दूसरी ओर राज्यपाल बुधवार दोपहर दिल्ली रवाना हो गए जिससे मामला और उलझ गया है। सयांतिका बंदोपाध्याय और रायत हुसैन ने हाल ही में हुए उपचुनाव में जीत हासिल की है। दोनों को बुधवार को राजभवन में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। टीएमसी ने दावा किया कि परंपरा यह है कि उपचुनाव जीतने वाले विधायकों के मामले में राज्यपाल, विधानसभा के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी सौंपते हैं। मगर राज्यपाल ने दोनों के अनुरोध के अनुसार विधानसभा में कार्यक्रम आयोजित करने से इनकार कर दिया और 26 जून की शाम को नई दिल्ली चले गए।