
कोई भी अपराध होने पर नये कानून के अंतर्गत घटना या अपराध पंजीबद्ध होगा। इसके अंतर्गत अपराधों के लिए न्याय व्यवस्था अंतर्गत यह व्यवस्था की गई है कि निर्धारित समय में उनका निराकरण हो सके। सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हुए पूरी प्रक्रिया को डिजिटल किया गया है। एफआईआर की प्रक्रिया, एफआईआर के निर्णय सभी डिजिटल फॉर्म में होंगे। सामाजिक-आर्थिक विकास के दृष्टिकोण से अब नागरिक अलग-अलग स्थानों में भी रहते हैं,ऐसी स्थिति में दस्तावेज डिजिटल होने से फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि नये टेक्नॉलॉजी को अपनाने से कार्य सुगम होंगे तथा अपराधियों को समय पर दण्ड मिल सकेगा। बच्चों एवं महिलाओं के खिलाफ आरोप होने पर कड़ी सजा का प्रावधान है, इसे गंभीरता से लिया गया है। उन्होंने नये कानून के धाराओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला में मीडिया प्रतिनिधियों की शंकाओं का समाधान भी किया गया। इस अवसर पर मीडिया प्रतिनिधियों सहित पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।