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कोलकाता राजभवन के पास कोई भी विधेयक लंबित नहीं

कौशिक नाग की रिर्पोट

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने इस आरोप को खारिज कर दिया कि राज्य विधानसभा द्वारा पारित आठ विधेयक राजभवन के पास लंबित हैं. बोस ने बताया कि आठ विधेयकों में से छह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विचारार्थ आरक्षित रखा गया है, जबकि एक अन्य विधेयक अदालत के विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि आठवें विधेयक के लिए कुछ स्पष्टीकरण की आवश्यकता होने के बावजूद राज्य सरकार का कोई प्रतिनिधि राजभवन नहीं आया. बोस ने कहा: मेरा ध्यान आज की एक खबर की ओर आकृष्ट किया गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने आठ लंबित विधेयकों को लेकर राज्यपाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. यह गलत है, क्योंकि राजभवन में एक भी विधेयक लंबित नहीं है. ममता बनर्जी सरकार ने आठ विधेयकों पर हस्ताक्षर न करने का कोई कारण बताये बिना उन्हें कथित तौर पर रोकने को लेकर बोस के खिलाफ शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया था. बोस ने कहा: यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार तथ्यों की पुष्टि किये बिना अदालत जाने के बारे में क्यों सोचती है. राजभवन के एक अधिकारी के अनुसार, राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों से संबंधित 2022 के छह संशोधन विधेयक भारत के राष्ट्रपति के विचारार्थ आरक्षित रखे गये हैं. अधिकारी ने कहा कि कुलपतियों के चयन से संबंधित पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2023 अदालत में विचाराधीन है. अधिकारी ने कहा: पश्चिम बंगाल नगर एवं ग्राम (योजना एवं विकास) (संशोधन) विधेयक, 2023 के लिए राज्य सरकार को प्रमुख सचिव को राजभवन भेजने के लिए कहा गया था, क्योंकि कुछ महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण की आवश्यकता थी. सरकार ने अभी तक इसका जवाब नहीं दिया है.

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