एक तरफ बारिश में बाढ़ की तरह व्यर्थ बहता पानी |
दूसरी तरफ सर्दी-गर्मी में प्यासी जनता, जमीन व जानवर ||
दौसा। इंडियन टीवी न्यूज (दीपक शर्मा बामनवास) भारत की परमाणु सहेली, डॉ. नीलम गोयल व आईआईटीयन विप्र गोयल ने दौसा में आज एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया । परमाणु सहेली ने बताया कि यह एक बहुत बड़ी विडम्बना रही है कि हर साल प्रकृति राजस्थान की जमीन पर 210 करोड़ लाख लीटर पानी बरसाती आई है और यह पानी से हर साल व्यर्थ ही बह कर चला जाता रहा है। सर्दी व गर्मी के मौसम में राजस्थान की जनता, जमीन, जानवर सब पानी की कमी को झेलते रहे हैं । उपजाऊ जमीन सर्दी व गर्मी में बंजर रह जाती है । मवेशियाँ चारे की कमी रहने से कटने के लिए बेच दी जाती हैं । कृषि से पूरी तरह मोह खत्म हो जाने से युवक-युवतियाँ शहरों में नौकरी-मजदूरी ढूँढने के लिए बेबस व बेजार रहते हैं ।
विप्र ने बताया कि राजस्थान की 257 लाख हेक्टेयर कृषि जमीन पर हर साल बरसने वाले 154 करोड़ लीटर वर्षा जल से 20 प्रतिशत पानी को भी यदि खेत-खेत पर ही खेत की 5 प्रतिशत जमीन पर 10 फीट गहरा वर्षा जलकुंड बना कर संग्रहित कर लिया जावे तो राज्य के सवा करोड़ ग्रामीण व किसान परिवारों की कृषि व घरेलू आवश्यकता में पानी की डिमांड की हर साल पूर्ति की जा सकती है । राजस्थान का भूजल स्तर भी अभी के 300 से 1200 फीट से पुनः 20 से 30 फीट तक आ सकता है । विप्र ने राजस्थान राज्य के क्षेत्रीय शासन, प्रशासन के साथ बातचीत करने व ग्रामीण विकास में कार्यरत सभी योजनाओं के संदर्भ में तथा इनके प्रबंधन व क्रियान्वयन के संदर्भ में भी जमीनी हकीकत की जानकारियाँ भी हासिल कीं । इन सभी के विश्लेषणात्मक डेशबोर्ड तैयार किए । इससे कुछ महत्वपूर्ण बाते स्पष्ट हुई ।
यह सही है कि सरकार के पास इतना वित्तीय संसाधन नहीं होता, प्रशासन के पास उतना वर्किंग स्टाफ नहीं है और जनता स्वयं से वर्षाजल के इस प्रकार के संग्रहण से अनजान है तो ऐसे में एक उद्देश्य परख कार्यनीति के तहत आगामी 4 वर्षों के कार्यकाल में राजस्थान के प्रत्येक खेत पर जलखेतों का निर्माण किया जा सकता है ।प्रशासन, जनता व चुनी हुई सरकार को एक विशिष्ट कारागार रणनीति के साथ युद्ध स्तर पर इस कार्य को अंजाम देने की ठाननी होगी।
विप्र गोयल ने बताया कि राजस्थान के पास उपलब्ध सभी संसाधनों का उपयोग करने व इसकी अक्षुण्ण सततता बनाए रखने के लिए एक पुख्ता योजना, प्रबंधन तथा क्रियान्वयन की आवश्यकता है । विप्र गोयल ने राजस्थान राज्य के प्रत्येक किसान ग्रामीण परिवार के लिए शून्य लागत पर सिंचाई व घरेलू उपभोग हेतु बारोमासी पानी की समुचित व्यवस्था, 24 घंटे बिजली बल की आपूर्ति की व्यवस्था व प्रत्येक ग्रामीण परिवार से, औसतन, 2 वयस्कों को ग्रामीण रोजगार की व्यवस्था हेतु एक रणनीतिक प्लान तैयार किया है । इस संदर्भ में विप्र राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा से मिल चुके हैं ।