इंडियन टीवी न्यूज
नरेश सोनी संवाददाता।
भूमि सर्वेक्षण विभाग से बना तालाब चढ़ सकता है भ्रष्टाचार की भेंट,
जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चढ़ा
हजारीबाग दारू:भूमि सर्वेक्षण विभाग में बरपा घनघोर भ्रष्टाचार का एक और प्रत्यक्ष उदाहरण प्रखंड के कविलासी पंचायत के ग्राम तीउज में देखने को मिल रहा है. पूर्व से बने तालाब में नया तालाब दिखाकर कार्य को पूरा करने का खाना-पूर्ति का खेल नीचे से ऊपर तक बरपा रहा. तालाब के कार्य में दर्जनों अनियमितता बरती गई है.
भ्रष्टाचार की गवाही देता कमियों का लिखा-जोखा कुछ इस प्रकार है
1.पूर्व से ही बने तालाब में काम करके काम की लीपापोती की गई.
2.मिट्टी के कटाई करने के बाद मिट्टी को तालाब के बगल में ही रख दिया गया.
3.ग्रामीणों का आरोप है काम की एस्टीमिट को कभी भी सार्वजनिक नहीं किया गया.
4.कोई पदाधिकारी का कभी भी निरीक्षण के लिए नहीं आना.
5.विभागीय इंजीनियर का एक भी बार तालाब के कार्य को निरीक्षण करने नहीं आना.
6.मिट्टी उठाव कम किया गया है.
7.अधिक पानी हो जाने पर पानी निकासी की सही व्यवस्था नहीं करना.
8.एस्टीमेट से कम काम करना और कम कार्य करके अधिक बिल निकालना और काम को पढ़ा-चढ़ा कर दिखाना.
9.तालाब के भीड़ को बहुत ही सकरा और कमजोर बनाया गया है.
ग्रामीणों का कहना है जिस तरह तालाब में निकासी की जगह नहीं छोड़ी गई है कुछ घंटे भी अगर और बारिश होती है तो यह तालाब पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर टूट कर बह जाने का खतरा बना हुआ है.
*गरीब किसानों का हो सकता है बड़ा नुकसान
क्योंकि तालाब के पीछे कई एकड़ में धान की फसल लगी हुई है, बगीची लगे हुए हैं और कुएं भी हैं. तो किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो सकता है और उनका साल भर का आए और अनाज दोनों उनके हाथ से छीन सकता है साथ ही पानी की तेज बहाव से कई एकड़ उपजाऊ मिट्टी के भी बहाने का खतरा लगातार बना हुआ है. पर पर भूमि सर्वेक्षण विभाग और निजी ठेकेदारों पर लालच बुरी तरह हावी है जिसका नुकसान गरीब और भोले भाले किसानों को झेलना पड़ सकता है.