अभद्र भाषा का उपयोग व गर्व के साथ करते,क्या उम्मीद..
हमारे देश मे राजनीति का स्तर इतना गिर गया हैं कि आमजन भी इनके शब्दो से शर्मशार होकर स्वंम सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि क्यों हमने इन्हें चुनकर राजनेता बना दिया!कुछ नेताओं ने तो हद कर रखी है बस उन्हें तो बदजुबानी करके ही राजनीति में रहकर बना नेता बनना हैं! आज वाकई में राजजनीति में बदजुबानी बढ़ रही है कि कोई किसी को कुछ भी कह देता है इससे गरिमा का हनन होता है!कुछ नेता अपशब्द तक कहने से नहीं चूक रहे हैं!अभद्र भाषा का उपयोग व गर्व के साथ करने लगे हैं!क्या उम्मीद करें ऐसे नेताओं से!यूं तो पहले भी कुछ नेता अपनी बदजुबानी के कारण चर्चा में रहे हैं!जब विरोध होता है, तो व माफी मांग लेते हैं या फिर अपनी ही जुबान से पलट जाते हैं अथवा मीडिया पर तोहमत लगते हुए कह देते हैं कि मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया!कुछ भी हो, चाहे पुरुष हो या महिला,नेताओं को अपनी जुबान पर लगाम रखनी चाहिए! अपनी स्वार्थपरक राजनीति के लिए अभद्र भाषा में किसी के साथ भी इस तरह पेश नहीं आना चाहिए!क्योंकि इससे उनकी ही छवि धूमिल नहीं होती है बल्कि समाज और देश की भी छवि पर बुरा असर पड़ता है!! रिपोर्ट रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़