किसानों की समस्याओं का समयबद्धत्ता के साथ करें निस्तारण: सीडीओ
समूहों के माध्यम से कृषि आधारित अन्य व्यवसाय अपनाने को किसानों को दी गयी सलाह
जैविक उत्पाद विक्रय हेतु सीडीओ ने हरी झण्डी दिखाकर वैन को किया रवाना
रिपोर्टर अनिल सोनी
ब्यूरो चीफ बहराइच
बहराइच । कृषकों की समस्याओं के निराकरण हेतु विकास भवन सभागार में आयोजित किसान दिवस एवं कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र ने बताया कि एफपीओ संतृप्तिकरण अभियान के अन्तर्गत एफपीओ को विभिन्न प्रकार के लाइसेंस दे दिये गये है। उन्हें नये-नये व्यवसाय अपनाने का सुझाव दिया। सीडीओ ने गत बैठक में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की बिन्दुवार समीक्षा की तथा निर्देश दिया कि जो भी किसानों की शिकायते प्राप्त हो सम्बन्धित अधिकारी समबद्ध उसका निस्तारण सुनिश्चित करें तथा आख्या समय से उप निदेशक कृषि को संकलन हेतु उपलब्ध करा दें तथा बैठक में आख्या सहित उपस्थित रहे। सीडीओ ने जनपद के उपस्थित किसानों से फार्मर रजिस्ट्री कामन सर्विस सेण्टरों पर जाकर करवाने का निर्देश दिया। उन्होनें बताया कि फार्मर रजिस्ट्री बनवाने से किसान के सभी गाटों का रिकार्ड तैयार होगा। राज्य सरकार एवं भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में आवश्यकता के क्रम में अलग से खतौनी की समस्या समाप्त होगी। सरकारी अनुदान समय से मिल सकेगा तथा किसान क्रेडिट कार्ड, फसली ऋण, फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ सरकार को प्रदान करने में कोई समस्या नही उत्पन्न होगी।
सीडीओ ने बताया कि 25 नवम्बर तक किसान स्वयं अपनी फार्मर रजिस्ट्री करा सकेगें। 25 नवम्बर के बाद कृषि विभाग, राजस्व विभाग, मनरेगा, पंचायत सहायक की ड्यूटी लगाकर तथा कैम्प आयोजन कराकर शत प्रतिशत किसानों की फार्मर रजिस्ट्री तैयार की जायेगी। सीडीओ उपस्थित कृषक उत्पादक संगठनों को निर्देश दिया कि प्रत्येक एफपीओ के पास 100 से 1000 कृषक जुड़े हुए है वे 25 नवम्बर तक अपने सदस्यों की फार्मर रजिस्ट्री कराना सुनिश्चित करे। उप कृषि निदेशक टी.पी. शाही ने सभी उपस्थित किसानों तथा एफपीओ निदेशक से फार्मर रजिस्ट्री कराने की अपेक्षा की। उन्होनें किसानों को विभाग की योजनाओं की जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि विभाग की योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय वृद्धि करें। रसायनिक खादों का प्रयोग कम से कम करें इससे भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीण होती है प्राकृतिक खेती के तरफ विशेष ध्यान दे। जैविक खेती से जैविक उपज की बाजार में दो से चार गुने मूल्य प्राप्त होता है। उन्होनें किसानो को सलाह दी कि अपनी फसल अवशेष को जलाये नही बल्कि कम्पोस्ट खाद बनाकर अपने खेतो में डाले इससे खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। आप सभी अपने आस-पास के किसानों को पराली जलाने से रोकें।
उप निदेशक कृषि ने किसानों को बताया कि जनपद में इफ्को के पास 10 ड्रोन उपलब्ध हो गये है। नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया का उपयोग करें। उन्होनें बताया कि डीएपी में प्रयुक्त राक फासफेट विदेशों से मंगाना पड़ता है। जिसपर भारत की मुद्रा अत्यधिक खर्च हो रही है। बैठक में उपस्थित इफ्को के क्षेत्रीय प्रबन्धक सर्वजीत कुमार वर्मा ने बताया कि नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया का उपयोग एक एकड़ में करें। यदि उत्पादन कम होता है तो इफ्को कम्पनी उसकी भरपाई करेगी। श्री वर्मा ने किसानों को बताया कि हमारे यहां 10 ड्रोन उपलब्ध हो गये है दूरभाष पर अवगत कराने पर तत्काल उपलब्ध कराया जायेगा। सीडीओ ने प्रगतिशील किसानों लालता प्रसाद गुप्ता, जितेन्द्र कुमार सिंह, बब्बन सिंह, निरंजन लाल वर्मा सहित 05 किसानों को ट्रायल के रूप में नैनो डीएपी, नैनो यूरिया तथा सागरिका निःशुल्क भेंट की तथा जिले के सभी किसानों को नैनो डीएपी, नैनो यूरिया का उपयोग कराने का सुझाव दिया। सीडीओ ने बताया कि पूर्व में पश्चिम के किसान गन्ने को साधारण तरीके से बुआई करते थे। जिससे उत्पादन कम होता था जैसे ही उनके द्वारा ट्रेंच विधि सहित अन्य तकनीक का उपयोग कर गन्ना बुआई की गयी, उत्पादन हजार कुण्टल से अधिक होने लगा। इसी प्रकार नैनो डीएपी, नैनो यूरिया एक नई तकनीक से बनी उर्वरक है जो अपने देश में ही बनायी गयी है का उपयोग करने लगेगें तो उर्वरकों पर होने वाला भारी भरकम धनराशि की भी बचत होगी। उन्होनें डीडी एग्री कल्चर से कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों के माध्यम से इफ्को से समन्वय कर प्रत्येक कर्मचारियों से 02-02 एकड़ परिक्षेत्र पर प्रदर्शन कराये। उन्होने एआर कोआपरेटिव से भी सचिव साधन सहकारी समिति के माध्यम से भी इफ्को से नैनो डीएपी, नैनो यूरिया का उपयोग करवाना सुनिश्चित करें। इफ्को के एरिया मैनेजर को निर्देश दिया कि प्रदर्शन परिक्षेत्रों का बोर्ड लगाकर किसानों को इसके लाभ के बारे में बताए। इस अवसर पर लालता प्रसाद गुप्ता ने 32 बीजी नलकूप से पानी पहुंचाने,बब्बन सिंह ने चीनी मिलों के अधिकारियों को भी बैठक में बुलाने का आग्रह किया। समय प्रसाद मिश्र ब्लाक प्रमुख पयागपुर प्रतिनिधि ने पयागपुर क्षेत्र के राजकीय नलकूपों का सर्वे कराने तथा नाली आदि मरम्मत कराने को कहा। पयागपुर क्षेत्र के कृषक ने कहा कि मण्डी पोर्टल पर धान का रेट पुराना प्रदर्शित हो रहा है जिसे सही कराने का सुझाव दिया।
जिला कृषि अधिकारी डॉ सूबेदार यादव ने जिले में खाद व बीज की उपलब्धता की जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में पर्याप्त मात्रा में एनपीके एसएसपी, डीएपी खाद व बीज उपलब्ध है। उन्होनें डीएपी के स्थान पर एनपीके फर्टिलाइजर/नैनो यूरिया का अधिक से अधिक उपयोग करने की सलाह दी। उर्वरक सम्बंधी किसी भी समस्या के सम्बंध में मुझे सीधे अवगत करा सकते है। इस अवसर पर सचिव मण्डी धनन्जय सिंह, अधिशाषी अभियन्ता विद्युत बहराइच शैलेन्द्र कुमार, नानपारा रंजीत कुमार व विष्णु कुमार, केबीके बहराइच के डॉ अरूण कुमार राजभर, प्रभारी डॉ शेलेन्द्र सिंह, माया देवी, सहायक अभियन्ता टूयूबेल नेम सिंह सहित बड़ी संख्या में कृषक मौजूद रहे। बैठक के उपरान्त सीडीओ ने परम्परागत कृषि विकास योजना अन्तर्गत जैविक उत्पाद की बिक्री हेतु एक नई वैन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।