दंतेवाड़ा मे महिलाओ पर अत्याचार रक्षक बने भक्षक मूल निवासी लगा रहे इंसाफ की गुहार

रिपोर्टर
किशोर कुमार रामटेके
दंतेवाड़ा

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ वाली सरकार में सरकारी अफसरो की
महिलाओ पर मनमानी किसी से छुपी नहीं है
आए दिन  मासूम जनता को परेशान करते हैं और उसके जान माल पर कब्जा करते हैं सरकारी अफसरों की तानाशाही इस कदर बढ़ चुकी है जिले मे महिलाओ की दुकान तो कही मकान को जबरन ताला लगा दिया जा रहा है
ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले का है जहां एक महिला से बेवजह उसकी दुकान छीनकर उसे बेरोजगार कर दिया गया और दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर कर दिया गया है
यह कह कर महिला को उसी के दूकान से निकाल  दिया गया कि यह सरकारी जमीन है लेकिन इससे बड़ी बात यह है कि दस्तावेजों में महिला के भाई सत्यनारायण यादव का नाम दर्ज है महिला की दुकान पर ताला लगाने वाली अफसर ने बिना यह जाने बगैर ही ताला लगा दिया कि उस नक्शे खसरे पर नाम किसका है जब पत्रकारों ने ताला लगाने वाली अफसर महोदया से पूछा कि क्या आपने देखा कि उस नक्शे खसरे पर किसका का नाम है तो अधिकारी महोदया का जवाब सुनिए वह क्या कह रही है उन्हें पता ही नहीं है की उस नक्शे खसरे पर किसका नाम दर्ज है मतलब बिना जांच के ही उन्होंने महिला की दुकान पर ताला लगा दिया उसके बाद चाहे महिला उसका पति उसके बच्चे भूखे मरते रहे
और उससे भी बड़ी बात तो यह है कि यह मामला कहीं इधर-उधर का नहीं बल्कि ठीक पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा कार्यालय के सामने का है जहां लक्ष्मी किराना एवं फैंसी स्टोर की संचालिका लक्ष्मी यादव की दुकान को पशुधन विभाग ने बिना कारण बताएं और बिना किसी अग्रीम नोटिस दिए बगैर ताला लगाकर महिला को उसके  दुकान के बाहर फेंक दिया गया
बड़ी बात यह भी है कि जब किसी विभाग द्वारा किसी का भी दूकान या फिर मकान को खाली करवाया जाता है तो उसे पहले से अग्रीम नोटिस भेजा जाता है लेकिन इस महिला के साथ ऐसा नहीं किया गया और मौके स्थल पर ही नोटिस चस्पा कर  महिला से दूकान खाली कराया गया और बड़ी बात तो यह है कि इस नोटिस में ना तो किसी विभाग का सील लगा है ना ही कोई अग्रीम नोटिस पहले भेजा गया है बल्कि मौके स्थल पर ही महिला की दुकान पर चश्पा कर दिया गया उसके बाद दुकान की संचालिका लक्ष्मी यादव को दुकान से जबरन निकाल कर बाहर फेंक दिया और उसकी दुकान पर सील लगा दिया गया
यहां तक की जो ताला पशुधन विभाग द्वारा बंद किया गया है उस ताले में भी किसी भी प्रकार का सील नहीं लगाया गया है और आरोप लगाया गया है कि महिला द्वारा जिस जगह पर दुकान का निर्माण कराया गया है वह जगह नजूल सरकारी भूमि है दुकान के निर्माण में पशुधन विभाग का राशि उपयोग किया गया है
दूसरी तरफ महिला अपने सारे जमीन के दस्तावेज पत्रकारों को दिखा रही है और जमीन का मालिकाना हक महिला के भाई के नाम पर  है महिला श्रीमती लक्ष्मी यादव ने पशुधन विभाग के अधिकारी डॉक्टर एस,मालवी तहसीलदार विनीत कुमार सिंह, अनुभागीय अधिकारी,
राजस्व अभिषेक तिवारी,
पटवारी तारम, पर आरोप लगाते हुए पत्रकारों को बताया कि दिनांक 13/12/2024 सब लोग मेरे दुकान में दोपहर लगभग 2:40 बजे आकर मुझे दुकान से निकलने के लिए कहने लगे और बोले कि उच्च अधिकारी का मौखिक आदेश है कि दूकान को तत्काल खाली कराया जाए
सोचने वाली बात यह है कि कब से सरकारी काम मौखिक आदेश पर किए जाने लगे हैं खैर उनका कहना था कि अधिकारी ने कहा है की दुकान को सील कर दो उस वक्त महिला अपने बच्चों के साथ दुकान पर अकेली थी अधिकारीयो द्वारा धमकी भरे शब्दों का प्रयोग करते हुए महिला को दुकान से निकाल दिया गया और यह भी कहा गया कि अगर नहीं निकलोगी तो हमें जोर जबरदस्ती करनी पड़ेगा और हम दूकान भी तोड़ देंगे और दुकान को जमीनदोज कर देंगे साथ ही दुकान के दस्तावेज मांगे और महिला ने कहा दस्तावेज घर पर है तो उन्होंने लाकर दिखाने का मौका भी नहीं दिया और दुकान से निकाल कर उसको ताला लगा दिया महिला लक्ष्मी यादव ने बताया कि 19 12.2024 को हमारे घर में एक बंद लिफाफा लाकर दिया और दस्तखत कराया गया जब हमने लिफाफा खोलकर देखा तो उसमें दुकान खाली करने की पिछले तारीख 12.12.2024 का नोटिस था
इस नोटिस को देखकर हम और आप सब चकित हो गये क्योंकि दुकान में ताला तो 13 12.2024 को ही लगा दिया गया था फिर 19.12.2024 को नोटिस देना कहां तक न्याय संगत है
लक्ष्मी यादव ने बताया कि इसकी शिकायत थाना दंतेवाड़ा में भी की है साथ ही जिला कलेक्टर से भी दुकान खुलवाने की मांग की जिस पर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है और ना ही कोई मेरी बात को संज्ञान में ले रहे है वही यूनिटी आफ़ जर्नलिस्ट के द्वारा पशुधन विभाग की डॉक्टर एस, मालवी से इसकी जानकारी ली गई की लक्ष्मी जनरल स्टोर को ताला लगाने से पहले क्या कोई लिखित सूचना या नोटिस दिया गया था तो वह अग्रिम लिखित नोटिस या सूचना की कोई भी छाया प्रति देने में असमर्थ रही
किसी भी प्रकार की कोई सूचना या नोटिस के ही बाद ही दुकान सील करने की बात को गोल-मोल जवाब देते नजर आई
दंतेवाड़ा जिले में सरकारी अफसर शाही इस महिला के ऊपर हुए अत्याचार को देखने के बाद साफ नजर आ रहा है श्रीमती लक्ष्मी यादव की दुकान को जिस तरह 13 12.2024 को बिना किसी नोटिस के ताला लगा दिया गया 15 दिन हो गए दुकान को बंद हुए महिला दुकान के भरोसे परिवार का भरण पोषण कर रही थी अब उसको अपना और अपने परिवार के भोजन के लाले पड़ गए हैं
अब महिला अपने ही निजी पट्टे की जमीन में बने दुकान वापस पाने के लिए सरकारी अफसरो के कार्यालय के चक्कर काट रही है
बड़ी बात तो यह है कि जब इलेक्शन आता है तो हर पार्टी के नेता लोगों के घर-घर में जाकर उनके पैर छूकर उनसे वोट मांगते हैं और जनता को कोई परेशानी ना होगी वादा करते है
जैसे ही चुनाव  खत्म होता है जनता फिर सड़कों पर आ जाती है और कोई उसकी शिकायत सुनना तो दूर मिलना भी पसंद नहीं करता है अब देखना यह है कि जो सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा लगाती है क्या उस सरकार में इस पीड़ित महिला को न्याय मिलेगा।

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