
खबर सहारनपुर से
वन विभाग के लोग बीमार ओर सूखे पेड़ बताकर परमिशन बीस पेड़ की देते है कटवा पूरा बाग देते है यह सीडीकेट सहारनपुर कार्य कर रहा है जिसमे विभाग मिला हुआ है सूत्र
छुटमलपुर सहारनपुर मोहोंड रेंज के अंतर्गत मुज्जफराबाद गांव में लकड़ी ठेकेदारों द्वारा हरे आम के पेड़ों को काटने का मामला सामने आया है। यह घटना नियामतपुर रोड पर हुई, जहां ठेकेदारों ने बिना परमिशन के पेड़ों पर कुल्हाड़ा चलाया
इस मामले में ठेकेदारों के हौसले बुलंद होने की बात कही गई है, जो न तो पुलिस का डर मानते हैं और न ही वनविभाग का। यह घटना पहली बार नहीं हुई है, बल्कि हाल ही में औरंगाबाद गांव में भी ऐसी ही घटना हुई थी, जिसमें वनविभाग ने बड़ी कार्यवाही की थी
अब देखना यह है कि वनविभाग इस मामले में क्या कार्यवाही करता है, जो एक जांच का विषय है।
वन विभाग के नियमों के अनुसार, किसी भी पेड़ को काटने से पहले वन विभाग से अनुमति लेना आवश्यक है। यह नियम वन संरक्षण अधिनियम, 1980 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत बनाए गए हैं।
वन विभाग के नियमों के अनुसार:
1. _पेड़ काटने की अनुमति_: किसी भी पेड़ को काटने से पहले वन विभाग से अनुमति लेना आवश्यक है।
2. _पेड़ की पहचान_: पेड़ की पहचान करना आवश्यक है, जिसमें पेड़ की प्रजाति, आयु, और आकार की जानकारी शामिल होती है।
3. _पेड़ काटने के कारण_: पेड़ काटने के कारणों को स्पष्ट करना आवश्यक है, जैसे कि पेड़ की मृत्यु, पेड़ का गिरना, या पेड़ का उपयोग।
4. _पेड़ काटने की विधि_: पेड़ काटने की विधि को निर्धारित करना आवश्यक है, जिसमें पेड़ को काटने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण और तकनीक की जानकारी शामिल होती है।
5. _पेड़ काटने के बाद_: पेड़ काटने के बाद, वन विभाग को इसकी जानकारी देना आवश्यक है, जिसमें पेड़ काटने की तिथि, पेड़ की प्रजाति, और पेड़ काटने के कारणों की जानकारी शामिल होती है।
इन नियमों का पालन करना आवश्यक है, और इसके उल्लंघन पर वन विभाग द्वारा कार्रवाई की जा सकती है कार्यवाही सम्भव नही लगती क्योकि विभागीय लोग मिलकर यह सिंडिकेट चला रहे है सूत्र
रिपोर्टर रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़