एक मर्द की जिंदगी
एक औरत कहती है शादी के सत्रह साल बाद मैं इस नतीज़े पर पहुंची के मर्द ख़ुदा की खूबसूरत तरीन मख़लूक़ है!
वो अपनी जवानी को अपनी बीवी और बच्चों के लिए
क़ुरबान करता है,
ये वो हस्ती है जो पूरी कोशिश करता है के उसके बच्चों का आइंदा मुस्तक़बिल खूबसूरत और अच्छा बने,
लेक़िन उस क़ुरबानी के बदले हमेशा उसकी सर्ज़निश की जाती है,
अग़र कभी फ्रेशमेन्ट के लिए घर से बाहर क़दम रखे तो बेपरवाह और अग़र घर मे रहे तो सुस्त और बेकार
अग़र बच्चों को ग़लती की वजह से डांटें तो वहशी
अग़र बीवी को नौकरी से रोके तो मुताक़बिर और रौअब जमाने वाला!
अग़र मां से दिलजोई करे तो माँ का लाड़ला
और अग़र बीवी से प्यारी बातें करे तो बीवी का मुरीद
उसके बावजूद मर्द दुनिया की वो हस्ती है जो अपने बच्चों को हर ऐतबार से ख़ुद से बेहतर देखना चाहता है,
बाप वो हस्ती है जो अपने बच्चों से नाउम्मीदी के बावजूद इश्क़ करता और हमेशा उनकी बेहतरी की दुआ करता है
बाप वो हस्ती है जो अपने बच्चों की आज़ियतों को बर्दाश्त करता है जब वो उसके क़दमों पर क़दम रखकर खेलते हैं और जब बड़े होकर बाप के दिल पर क़दम रखते हैं
बाप वो हस्ती है जो अपनी बेहतरीन सरवत बल्कि जो कुछ उसके पास है अपनी औलाद को बख़्श देता है
अग़र मां औलाद को नौ महीने पेट मे उठाती है
तो बाप पूरी जिंदगी पूरी फ़ैमिली का बोझ उठाकर
अपने फिक्र ओ दिमाग़ में लिए फ़िरता है दुनिया अच्छी और खूबसूरत है जब तक घर का सरपरस्त सालिम है.!
रिपोर्टर रमेंश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़