नरेश सोनी
इंडियन टीवी न्यूज
ब्यूरो हजारीबाग
सरकार की लापरवाही से झारखंड के विकास कार्य ठप डीएमटी फंड के हजारों करोड़ रुपए पड़े निष्क्रिय : प्रदीप प्रसाद
सदन में सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने डीएमटी फंड के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया उन्होंने कहा की झारखंड में जनहित और विकास कार्यों में हेमंत सरकार की उदासीनता निरंतर उजागर हो रही है। राज्य के खनन क्षेत्रों के निवासियों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए गठित डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड ट्रस्ट का समुचित उपयोग न होने के कारण हजारों योजनाएं अधर में लटकी हुई हैं।
डीएमटी फंड में भारी राशि निष्क्रिय
विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने स्वीकार किया कि झारखंड को अब तक डीएमटी फंड के तहत कुल रु 15145.0141 करोड़ प्राप्त हुए हैं। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इसमें से मात्र रु 10485.3376 करोड़ ही खर्च किए गए हैं, जबकि रु 4659.6765 करोड़ की बड़ी राशि आज भी उपयोग के इंतजार में पड़ी है। इतना ही नहीं,डीएमटी फंड के तहत स्वीकृत 25622 योजनाओं में से केवल 15761 योजनाएं ही पूर्ण हुई हैं। शेष योजनाओं में से कई अधूरी हैं, जबकि 729 योजनाएं रद्द कर दी गई हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है क्योंकि डीएमटी फंड का उद्देश्य खनन प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को बुनियादी सुविधाएं और बेहतर जीवन स्तर प्रदान करना है।
हजारीबाग का प्रसिद्ध नृसिंह स्थान मंदिर भी उपेक्षा का शिकार
केवल खनन क्षेत्र ही नहीं, बल्कि झारखंड के धार्मिक स्थलों की उपेक्षा भी साफ दिखाई दे रही है। हजारीबाग जिले का प्रसिद्ध नृसिंह स्थान मंदिर,जो एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है, आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यहां प्रतिवर्ष होने वाले भव्य मेला और सालों भर विवाह जैसे आयोजन इसे सांस्कृतिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण बनाते हैं। बावजूद इसके, सरकार द्वारा इस स्थल के विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। हालांकि, सरकार ने स्वीकार किया है कि नृसिंह स्थान मंदिर को श्रेणी-सी पर्यटन स्थल के रूप में अधिसूचित किया गया है और इसके लिए प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है। लेकिन अब तक इसकी स्थिति जस की तस बनी हुई है, जिससे साफ है कि सरकार की योजनाएं केवल कागजों पर सीमित हैं।
विधायक प्रदीप प्रसाद की मांग
डी.एम.टी फंड का शीघ्र उपयोग कर सभी लंबित योजनाओं को पूरा किया जाए। हजारीबाग स्थित नृसिंह स्थान मंदिर के आधुनिकीकरण के लिए ठोस कार्य योजना बनाई जाए ताकि इस महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल को राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में उचित स्थान मिल सके। लंबित योजनाओं के प्रभावी संचालन के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को मॉनिटरिंग का अधिकार प्रदान किया जाए ताकि योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे। झारखंड के विकास के लिए फंड की कोई कमी नहीं है, लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण आम जनता को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। मैं जनता की आवाज बनकर इन मुद्दों को लगातार उठाता रहूंगा ताकि झारखंड के विकास को गति मिल सके।