भूधरणा भोगवतदार की दो पद्धतियों के प्रतिबिम्बन की मांग
महाराष्ट्र ,चंद्रपूर(क्रिष्णाकुमार संवाददाता)
राजुरा…
शहर के देशपांडेवाड़ी में सर्वे क्रमांक एक से आठ तक में तीस साल बाद राजस्व विभाग द्वारा भू-काश्त व्यवस्था में भोगवतदार द्वितीय अंकित किए जाने से सैकड़ों भूखंडधारक प्रभावित हो रहे हैं। कई लोगों के वित्तीय लेन-देन, ऋण स्वीकृति के मामले और निर्माण परमिट रुके हुए हैं। इसके लिए राजस्व प्रशासन जिम्मेदार है और इसमें संशोधन किया जाना चाहिए ताकि प्रति सात पर एक भोगावटदार हो। इसके लिए तहसीलदार डॉ. ओमप्रकाश गोंड को तहरीर दी गई।
इस अवसर पर कोर कमेटी के सदस्य और देशपांडेवाड़ी के सर्वे क्रमांक एक से आठ तक के बड़ी संख्या में प्लॉटधारक उपस्थित थे। पिछले एक साल से प्रशासन और सरकार इस मामले को सुलझाने के लिए प्रयासरत हैं। विधायक देवराव भोंगले की पहल पर इस मामले पर हाल ही में राजस्व मंत्री चंद्रकांत बावनकुले की अध्यक्षता में मुंबई में एक बैठक आयोजित की गई थी। इसमें राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, आयुक्त, जिला कलेक्टर और तहसीलदार भी शामिल हुए। विधायक देवराव भोंगले की पहल से इस मामले को सुलझाने के लिए निरंतर प्रयास जारी है। मुंबई में आयोजित बैठक में राजस्व मंत्री ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को इस मामले को निपटाने के लिए स्पष्ट सकारात्मक निर्देश दिए हैं। तदनुसार, देशपांडेवाड़ी में सर्वेक्षण संख्या एक से आठ तक के भूखंड धारक को एक बयान प्रस्तुत करना चाहिए और इस मामले का निपटारा किया जाना चाहिए और पिछले रहने वाले को सातवीं मंजिल पर दर्ज किया जाना चाहिए। इस अवसर पर ऐसी मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल में कोर कमेटी के सदस्य केवरम डांगे, अशोक देशपांडे, पुरुषोत्तम गांधारे, बलिराम खुजे, गंगाधर मते, नानाजी डाखरे, केशव ठाकरे, भास्कर थावरी, आनंद चालक, प्रभाकर उइके, राजू गोरशेट्टीवार और बड़ी संख्या में भूखंडधारक शामिल थे। इस अवसर पर तहसीलदार डॉ. ओमप्रकाश गोंड से तीस वर्षों के बाद सातबारा पर दो भोगवतदारों का पंजीकरण होने से उत्पन्न समस्याओं के संबंध में चर्चा की गई।