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सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल: 17 अप्रैल 2025 को सोना ₹86,800 के पार, चांदी ₹98,300 के करीब

यह रहा एक ताज़ा और यूनिक लेख, जो आपकी वेबसाइट IndianTVNews.in के लिए लिखा गया है, उसी जानकारी के आधार पर लेकिन नए अंदाज़ में:

सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल: 17 अप्रैल 2025 को सोना ₹86,800 के पार, चांदी ₹98,300 के करीब

लखनऊ। भारतीय सर्राफा बाजार में आज यानी 17 अप्रैल 2025 को सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। घरेलू बाजार में 24 कैरेट सोना करीब ₹96000 प्रति 10 ग्राम के स्तर के करीब पहुंच गया है, जबकि चांदी ₹98,300 प्रति किलोग्राम के पार जा चुकी है।

सोने की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

पिछले दो महीनों के अंदर सोने की कीमतों में करीब ₹10,500 की तेजी दर्ज की गई है। लखनऊ के प्रमुख बाजारों – चौक, हजरतगंज और अमीनाबाद में सोने की कीमतें ₹86,800 से ₹86,850 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच चुकी हैं। जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में यह आंकड़ा ₹90,000 के पार भी जा सकता है।

चांदी भी नहीं पीछे

सोने की तरह चांदी की कीमतों में भी लगातार तेजी देखने को मिल रही है। आज के रेट्स के अनुसार लखनऊ में चांदी ₹98,300 से ₹98,350 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। फरवरी के मुकाबले इसमें करीब ₹1,600 की बढ़त देखी गई है।

क्यों बढ़ रही हैं कीमतें?

वैश्विक आर्थिक अस्थिरता: दुनिया भर में चल रही आर्थिक उठापटक और बैंकिंग सिस्टम की अनिश्चितता के चलते निवेशकों का झुकाव सुरक्षित निवेश यानी गोल्ड-सिल्वर की ओर बढ़ा है।

रुपये की कमजोरी: डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट का सीधा असर आयातित सोने-चांदी पर पड़ रहा है।

 

स्थानीय मांग में तेजी: शादियों और त्योहारों के सीजन में देशभर में इन धातुओं की मांग में जबरदस्त उछाल आया है।

निवेशकों के लिए सलाह

अगर आप सोने या चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह सही वक्त हो सकता है, लेकिन बाज़ार की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए किसी वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। साथ ही, खरीदारी करते समय BIS हॉलमार्क की जांच करें और बिल लेना

. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता

दुनिया भर में मंदी की आशंका, बैंकिंग सेक्टर की अस्थिरता और जियो-पॉलिटिकल तनाव (जैसे यूक्रेन-रूस और इजरायल-हमास संघर्ष) के कारण निवेशक सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प मानते हैं।

2. डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट

जब भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होता है, तब आयातित वस्तुएं (जैसे सोना) महंगी हो जाती हैं। भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है, इसलिए रुपये की कमजोरी सीधा असर कीमतों पर डालती है।

3. महंगाई (Inflation) का बढ़ना

जब महंगाई बढ़ती है तो करेंसी की वैल्यू घटती है। ऐसे समय में निवेशक सोने में निवेश करना ज्यादा सुरक्षित मानते हैं, जिससे उसकी मांग और कीमत दोनों बढ़ते हैं।

4. केंद्रीय बैंकों की खरीदारी

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देश अपने भंडार में सोना जमा कर रहे हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार 2024 में केंद्रीय बैंकों द्वारा भारी मात्रा में सोने की खरीदारी की गई, जिससे मांग और कीमत में तेजी आई।

5. त्योहारी और शादी सीजन में घरेलू मांग

भारत में अक्टूबर से मार्च तक त्योहारी और शादी का सीजन चलता है, जिसमें सोने की मांग बढ़ जाती है। मांग बढ़ने का सीधा असर कीमतों पर पड़ता है।

6. शेयर बाजार की अस्थिरता

जब शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है, तो निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित साधनों में लगाना पसंद करते हैं। सोना इस समय एक भरोसेमंद विकल्प बनता है।

 

 

 

 

 

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