
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव का आगामी 19 अप्रैल को आगरा दौरा राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। इस दौरे से पहले पार्टी के भीतर तेजी से गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राहुल भारती ने एक विशेष पत्र जारी कर पार्टी कार्यकर्ताओं को चौकन्ना रहने और बड़ी संख्या में आगरा पहुँचने का निर्देश दिया है।
डॉ. राहुल भारती ने पत्र में यह दावा किया है कि सत्ता संरक्षित आपराधिक तत्व श्री अखिलेश यादव और राज्यसभा सांसद श्री रामजीलाल सुमन को लगातार धमकियाँ दे रहे हैं। ऐसे हालात में पार्टी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने नेताओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर रहें और संगठन की ताकत दिखाएं।
18 अप्रैल को ही आगरा पहुँचे कार्यकर्ता
पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सभी अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों में आस्था रखने वाले साथी 18 अप्रैल, शुक्रवार को ही आगरा पहुँचें। आसपास के जिलों के पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे कम से कम 10-10 साथियों को साथ लेकर आगरा आएं।
सुरक्षा घेरा बनाएगा संगठन
डॉ. भारती ने यह भी कहा कि संगठन स्तर पर एक सुरक्षा घेरा बनाया जाएगा, ताकि श्री अखिलेश यादव के सभी कार्यक्रम सुरक्षित और सफलतापूर्वक संपन्न हो सकें। यह कदम पार्टी की आंतरिक एकजुटता और अनुशासन का भी प्रतीक माना जा रहा है।
कार्यकर्ताओं को संदेश – “जय भीम, जय समाजवाद”
पत्र के अंत में डॉ. राहुल भारती ने “क्रांतिकारी अभिवादन” के साथ “जय भीम – जय समाजवाद” का नारा देते हुए कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे आगरा पहुँचकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँ और कार्यक्रमों को सफल बनाएं।
राजनीतिक संकेत क्या हैं?
राजनीतिक जानकारों की मानें तो यह दौरा सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं बल्कि 2027 विधानसभा चुनावों की तैयारी की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है। समाजवादी पार्टी अपने परंपरागत वोटबैंक को फिर से संगठित और सक्रिय करना चाहती है। अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व करने वाला यह प्रकोष्ठ उस दिशा में एक निर्णायक मोड़ हो सकता है।, रिपोर्ट रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़