
उरई(जालौन):
तीन गांवों में लगी आग से पराली जलकर खाक:
किसानों के सामने खड़ा हुआ भूसे का संकट:
कोंच, भूसे के लिए खेतों में छोड़ी गई पराली आग की चपेट में आकर जली गई जिससे अब किसानों को भूसे की किल्लत से जूझना पड़ेगा। तहसील क्षेत्र के तीन गांवों में इस तरह के हादसे हुए हैं जिनमें आग लगने से पराली और पेड़ जलकर खाक हो गए। सूचना पर कहीं तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची जबकि कुछ जगह किसानों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। ग्राम धनौरा में गांव के बिल्कुल नजदीक शिवम गुर्जर पुत्र राधेश्याम के खेत के ऊपर से निकली विद्युत लाइन से गुरुवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे अचानक निकली चिंगारी गेहूं की पराली पर आ गिरी जिससे पूरे खेत में आग फैल गई। देखते ही देखते पड़ोसी काश्तकार संजीव, गौरव, दिग्विजय, रणजीत, भोजराज के खेतों में भी आग पहुंच गई और इन खेतों में खड़ी पराली जलकर खाक हो गई। लेखपाल प्रेमकिशोर ने आग की सूचना फायर सब स्टेशन को दी लेकिन स्टेशन पर फायर ब्रिगेड गाड़ी उपलब्ध न होने की बात बताई गई तब मजबूरन ग्रामीणों ने एकजुट होकर समरसेबल की मदद से बमुश्किल आग पर काबू पाया। लेखपाल ने बताया कि आग से करीब 30 बीघा की पराली जलकर खाक हुई है। वहीं दूसरी ओर ग्राम पड़री में रिहायशी बस्ती से सटे खलिहान में सुबह साढ़े 11 बजे आग लग गई जिससे पेड़ पौधे और झाड़ियां नष्ट हो गए। जब तक फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचती उससे पहले ही ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया था। गनीमत रही की समय रहते आग बुझा ली गई वरना आग रिहायशी बस्ती में फैल सकती थी। आग की तीसरी घटना ग्राम जुझारपुरा में घटित हुई। यहां पर गुड्डू गुर्जर के खेत में चल रही भूसा मशीन से निकली चिंगारी से आग लग गई और देखते ही देखते पराली जलकर खाक हो गई। आग फैलने से आशीष गुर्जर, रामलला, आशाराम, कमलेश के खेत की भी पराली जलकर नष्ट हो गई। सूचना पर भी फायर ब्रिगेड की गाड़ी नहीं पहुंची जिससे ग्रामीणों ने निजी नलकूप चलाकर आग बुझाई।
(अनिल कुमार ओझा ब्यूरो प्रमुख उरई-जालौन) उत्तर प्रदेश