
उरई(जालौन):
जिला कारागार उरई में विधिक साक्षरता शिविर का हुआ आयोजन:
बन्दियों को उनके अधिकारों की दी गयी जानकारी:
उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रभारी सचिव श्री अर्पित सिंह ने आज जिला कारागार उरई में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया। इस अवसर पर उन्होंने जेल का साप्ताहिक निरीक्षण किया और विभिन्न बैरकों में जाकर निरूद्ध बन्दियों से बातचीत की। प्रभारी सचिव अर्पित सिंह ने जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि किसी भी बन्दी को यदि निजी अधिवक्ता की आवश्यकता हो और वह न्यायालय में पैरवी नहीं कर पा रहा हो, तो उसे विधिक सहायता प्रदान की जाए। इसके अलावा, उन्होंने विचाराधीन बन्दियों के मामलों की जांच कर यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि यदि किसी बन्दी को सरकारी खर्च पर अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो उसे एमाइकस क्यूरी (न्यायमित्र) की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
इस दौरान, अर्पित सिंह ने वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों के बारे में भी जानकारी दी और बन्दियों से उनके अधिकारों के बारे में बातचीत की। असिस्टेंट लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल श्री अभिषेक पाठक ने प्ली-वार्गेनिंग स्कीम, समयपूर्व रिहाई और बन्दियों के अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विचाराधीन बन्दियों को पीड़ित पक्ष से समझौता करने पर सजा कम कराई जा सकती है, लेकिन यह योजना कुछ अपराधों में लागू नहीं होगी, जैसे कि देशद्रोह, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध आदि।इस अवसर पर जेल अधीक्षक प्रदीप कुमार, जेल चिकित्साधिकारी डॉ. राहुल बर्मन, उप कारापाल श्री अमर सिंह और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के डाटा एंट्री ऑपरेटर दीपक नारायण भी उपस्थित रहे।
(अनिल कुमार ओझा ब्यूरो प्रमुख
उरई-जालौन) उत्तर प्रदेश