इतना ही नहीं माल छोड़ने के लिए 20000 रुपए की कर रहे थे मांग। पीड़ित का कहना है जब हमारे बेटों ने शिकायत की बात कही तब दरोगा जी ने बच्चों को झूठे मुकदमे में फंसाने की दी धमकी। मामला है गौरीफंटा कोतवाली के निकट डिगानिया कुंवा नंबर 6 का। पीड़ित का कहना है कि माल को कुंवा नंबर 6 पर पकड़ा था और हमे फसाने के लिए बनगवां के निकटम घाट जो की नेपाल से लगा है की लोकेशन दिखाई गई। आरोपी का यह भी कहना है कि कोतवाली के सीसीटीवी कैमरों की जांच कराई जाए तो दूध का दूध पानी का पानी का पानी हो जायेगा। जहां पर संदीप गुप्ता, सावन गुप्ता, रिंकल गुप्ता पुत्र बुद्धसेन गुप्ता अपनी कार में दो गांठ कपड़ा बनगवां मंडी में पक्के बिल के साथ ले जा रहे थे।
चेकिंग के दौरान दरोगा जी ने कार का चालान तो काटा ही साथी ही गाड़ी में रखा माल भी जब्त कर लिया। जब बुद्धसेन गुप्ता ने थाने के चक्कर काटने लगा तब दरोगा जी ने कोतवाल शाहब से मिलने नही दिया और 4 दिनों तक टाल मटोल करते रहे। जब पीड़ित ने दरोगा जी की प्रशासन से शिकायत करने की बात कही तब दरोगा जी ने सुबह होते ही आनन फानन में माल को सीजर बनाकर कस्टम के सुपुर्द कर दिया। क्या वाकई गौरी फंटा पुलिस कर रही है व्यापारियों और राहगीरों का उत्पीड़न फिलहाल पीड़ित ने शासन प्रशासन से लगाई न्याय की गुहार।फिलहाल क्या है पूरा मामला यह जांच का विषय है यह खबर पीड़ित के बयान के आधार पर दिखाई जा रही है।
लखीमपुर से संजय सिंह की रिर्पोट।