नरेश सोनी
इंडियन टीवी न्यूज
ब्यूरो चीफ हजारीबाग।
15 जुलाई से 15 सितंबर तक सांपों के निकलने का समय, ग्रामीणों को विशेष सतर्कता की जरूरत
हजारीबाग: वर्षा ऋतु के दौरान 15 जुलाई से लेकर 15 सितंबर तक का समय सांपों की सक्रियता का होता है। इस दौरान लगभग सभी प्रकार के सांप अपने बिलों से बाहर निकलते हैं और मानव तथा पालतू जानवरों पर हमला करने की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह दो महीनों का समय सावधानी बरतने का होता है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
शाम से सुबह तक ज्यादा सक्रिय रहते हैं सांप
इस अवधि में सांप विशेष रूप से शाम से लेकर अगली सुबह तक ज्यादा सक्रिय रहते हैं। वे भोजन और गर्मी की तलाश में अपने ठिकानों से बाहर आते हैं और नमी या जल स्रोतों वाले इलाकों में छिप जाते हैं। झाड़ियाँ, गड्ढे, खेतों के मेढ़ और जल-जमाव वाले स्थान सांपों के छिपने के प्रमुख स्थान होते हैं।
ग्रामीणों के लिए एहतियात बेहद जरूरी
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। खुले स्थानों, खेतों, जलाशयों या झाड़ियों के पास जाते समय अलर्ट रहना चाहिए। रात को सोते समय हाथ-पैरों को चादर या कंबल में ढक कर रखना चाहिए और ज़मीन पर लटकते अंगों से बचना चाहिए।
बच्चों का रखें विशेष ध्यान सांपों की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी सजग रहने की आवश्यकता है। घर के आसपास साफ-सफाई रखें, झाड़ियों को हटाएं और रात्रि में टॉर्च लेकर चलने की आदत डालें।
बार-बार हो सकते हैं हमले सावधानी न बरती जाए तो इस मौसम में सांप इंसानों पर बार-बार हमला कर सकते हैं। कई मामलों में यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसलिए जनसामान्य से अपील की जाती है कि वे इस मौसम में अतिरिक्त सतर्कता बरतें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।
यह समय जागरूकता और सुरक्षा का है — सावधानी ही सुरक्षा है।