दुःख और पीड़ा की इस घड़ी में निःशब्द हूं
आज का दिन अत्यंत दुःखद और पीड़ादायक रहा। अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने न जाने कितने घरों के चिराग बुझा दिए, न जाने कितने सपनों को अधूरा छोड़ दिया।
इस हृदयविदारक घटना में जिनकी जानें गईं, वे केवल आंकड़े नहीं थे, वे किसी के बेटे-बेटी, किसी के माता-पिता, किसी के साथी और किसी के जीवन का केंद्र थे।
हम उन सभी दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह उनके परिवारों को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति दे।
यह हादसा एक गहरी याद दिलाता है कि जीवन कितना नाजुक है , एक क्षण में सब कुछ बदल सकता है।
शब्द नहीं हैं इस शोक को व्यक्त करने को,
आंसुओं से भी भारी है यह हादसे की पीड़ा।
जो चले गए, उन्हें नमन है हमारा।
ईश्वर इस दुःख की घड़ी में हम सबको सहनशीलता और करुणा प्रदान करे।
नादिर राणा लेखक एवं स्वतंत्र पत्रकार मुजफ्फरनगर
रिपोर्टर रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़