नरेश सोनी
इंडियन टीवी न्यूज नेशनल
ब्यूरो चीफ हजारीबाग।
झारखंड की प्रतिभाएं: संघर्ष से सफलता की ओर
हजारीबाग: झारखंड की धरती एक बार फिर अपने होनहारों की कामयाबी से गुलज़ार है! जेपीएससी (JPSC) परीक्षाओं में ऐसे युवाओं ने परचम लहराया है, जिनकी कहानियां संघर्ष और कड़ी मेहनत की मिसाल हैं. इन सफलताओं ने न सिर्फ उनके परिवारों बल्कि पूरे जिले और राज्य का मान बढ़ाया है.
राजेश रजक: डिलीवरी बॉय से JPSC अधिकारी तक का सफर
हजारीबाग जिले के बरकट्ठा प्रखंड के सुदूर केंदुआ गांव के राजेश रजक ने साबित कर दिया है कि लगन और मेहनत से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है. एक समय था जब राजेश डिलीवरी बॉय का काम कर अपना और अपने परिवार का खर्च चलाते थे. उनकी मां एक स्कूल में रसोइया के तौर पर काम करती हैं. इन तमाम चुनौतियों के बावजूद, राजेश ने अपने सपनों को कभी मरने नहीं दिया और अपनी मेहनत के दम पर JPSC में सफलता हासिल की. उनकी यह कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो विपरीत परिस्थितियों में भी बड़े सपने देखने का साहस करते हैं.
स्वाति केशरी: चौपारण की बेटी ने बढ़ाया मान
चौपारण की बेटी स्वाति केशरी ने JPSC में 9वीं रैंक हासिल कर पूरे झारखंड में टॉप 10 में अपनी जगह बनाई है, जिससे प्रखण्ड और जिले का गौरव बढ़ा है. स्वाति की यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि वह पहले से ही BPSC में 158वीं रैंक हासिल कर चुकी हैं और वर्तमान में पटना में राजस्व अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. सरकारी सेवा में रहते हुए भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और JPSC में शानदार रैंक हासिल कर अपनी क्षमता का लोहा मनवाया.
अमन कुमार: पुरानी किताबों की दुकान से JPSC की नई उड़ान
हजारीबाग के अमन कुमार ने JPSC में 22वीं रैंक हासिल कर एक और प्रेरणादायक कहानी गढ़ी है. अमन के पिता पुरानी किताबों की दुकान चलाते हैं. एक ऐसे माहौल में जहां संसाधनों की कमी हो सकती है, अमन ने अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया और कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया. उनकी सफलता यह दिखाती है कि लगन और संकल्प हो तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती.
ये कहानियां झारखंड के युवाओं के अटूट साहस और दृढ़ निश्चय का प्रमाण हैं. राजेश, स्वाति और अमन जैसे युवाओं ने यह साबित कर दिया है कि अगर सपने बड़े हों और उन्हें पूरा करने का जुनून हो, तो कोई भी पृष्ठभूमि या आर्थिक स्थिति सफलता की राह में रुकावट नहीं बन सकती. उनकी सफलताएं न केवल उनके लिए बल्कि पूरे झारखंड के लिए गर्व का विषय हैं.