प्रेगनेंसी में हाई ब्लड प्रेशर शिशु के विकास के लिए बन सकता है खतरे का कारण!

High blood pressure

हाई ब्लडप्रेशर या हाइपरटेंशन का खतरा प्रेग्नेंट महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलता है इसके अलग-अलग कारण हो सकते हैं जैसे- फैमिली हिस्ट्री, तनाव, गलत खानपान और लाइफ स्टाइल आदि। लेकिन इससे बचने के लिए न केवल डाइट और लाइफ स्टाइल पर ध्यान देने की जरूरत है बल्कि तनाव को कम करना और शरीर को सक्रिय बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज भी बेहद जरूरी है। प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन को प्री-एक्लेम्प्सिया भी कहा जाता है। जोकि आमतौर पर गर्भवती महिला में गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद शुरू हो सकती है। बता दें कि यह मां और बच्चे दोनों के लिए ही एक गंभीर स्थिति का कारण बन सकती है। तो चलिए जानते है प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण कैसे नजर आते हैं जो शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकते है।
गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर क्यों होता है
डॉक्टरों का कहना है कि अगर आपको प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन की समस्या लगभग 7 से 8 प्रतिशत तक होती है। बहुत कम उम्र या अधिक उम्र में मां बनने के कारण ब्लड प्रेशर हाई हो सकती है। इसके अलावा गर्भ में तीन या चार बच्चे होने से भी हाइपरटेंशन की समस्या बढ़ जाती है। किसी महिला को पहले से ही किडनी संबंधित कोई रोग हो, तो उसे भी उच्च रक्तचाप होने की समस्या बढ़ सकती है। साथ ही जिन महिलाओं को पहली प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन की समस्या हुई थी, उस केस में भी 25 प्रतिशत संभावना होती है कि दूसरी प्रेग्नेंसी में भी यह समस्या डेवलप हो जाए। यदि पहले से ही किसी का रक्तचाप ज्यादा है तो गर्भावस्था में यह और भी अधिक बढ़ सकता है।
गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान
हाइपरटेंशन की वजह से गर्भ में पल रहे शिशु का शारीरिक विकास सही ढंग से नहीं होता और ब्लड सप्लाई कम हो जाती है। ऐसे बच्चों का वजन भी जन्म के समय कम होता है. प्रॉपर विकास नहीं हो पाता है। कई बार अधिक हाई बीपी होने पर डिलीवरी जल्दी करने की नौबत आ जाती है। ऐसे में वजन कम होने और समय से पूर्व डिलीवरी करने के कारण बच्चे को नवजात गहन चिकित्सा इकाई या एनआईसीयू में भेजने की संभावना बढ़ जाती है। डॉक्टरों ने बताया कि प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर होने को जैस्टेशनल हाइपरटेंशन भी कहते है।
प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन के कारण
1 ब्लड प्रेशर नॉर्मल से ज्यादा होना।
2 बार-बार सिर में दर्द होने लगना।
3 धुंधला दिखाई देना, आंखों से संबंधित समस्या।
4 एसिडिटी की तरह पेट में दर्द होना।
5 कम समय में अधिक वजन बढ़ जाना।
6 शरीर में अधिक सूजन होना।

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