प्रथम एज्युकेशन फाउंडेशन द्वारा आहोर, राजस्थान में वैदिक मैथ्स एवं मैथ्स गेम की कार्यशाला का आयोजन किया गया

• प्रथम एज्युकेशन फाउंडेशन द्वारा आहोर, राजस्थान में वैदिक मैथ्स एवं मैथ्स गेम की कार्यशाला का आयोजन किया गया

• आहोर मुकाम, राजस्थान में धनराज ठक्कर एवं डॉ. रूपेश भाटिया द्वारा सिखाई गई वैदिक मैथ्स की विधियों से बच्चे अभिभूत हुए

• कार्यशाला में गुजरात ऑल इंडिया रामानुजन मैथ्स क्लब के वैदिक मैथ्स मास्टर्स डॉ.रुपेश भाटिया एवं धनराज ठककरने बच्चों को वैदिक गणित की सरल विधिया शिखाई

नील कुमार संवाददाता : पाटन/गुजरात

प्रथम एजुकेशन फाऊंडेशन अंतर्गत झोपड़पट्टी में निवास करने वाले बच्चों को जीने की रीत सिखाने हेतु कार्यरत है । यह संस्थान बच्चों में गणित, विज्ञान, कला एवं स्किल का विकास हो इस हेतु क्रिएटिविटी क्लब कार्य करती है । प्रथम की क्रिएटिविटी क्लब प्रोजेक्ट के अंतर्गत राजस्थान का आहोर तहसील सेकंड बेस केंद्र के आसपास के गांव के बच्चों में गणित का डर दूर हो एवं गणित के प्रति रस रुचि उजागर करने हेतु आहोर में वैदिक गणित एवं ज्योमैट्रिक गेम का 8, 9 फरवरी, 2024 को दो दिन का वर्कशॉप आयोजित हुआ था ।
इस वर्कशॉप में 30 गांव में से 41 बच्चे 8 अभिभावक एवं 3 वॉलिंटियर्स ने भाग लिया था । क्लस्टर लिडर छौगाराम देवासी जी, मेंटर लिडर बुद्धि प्रकाश मीणा अश्विनी जी, भावना जी एवं सोनूजी वोलेंटियर ,लता वोलेंटियर डिपल वोलेंटियर जी ने ज़िम्मेदारी से बच्चों को आहर केंद्र पर लाने के लिए कड़ी मेहनत की है । बच्चों के अभिभावकों में विश्वास जगा कर सब बच्चों को ट्रेनिंग सेंटर तक लाए थे । आहोर में दो दिन गोविंदा रेस्टोरेंट में रहने एवं खाने पीने की अच्छी सुविधायें थी । सभी वॉलिंटियर्सने बच्चों का अच्छी तरह ध्यान रखा एवं लाने जाने की सुविधा भी अच्छी तरह की थी ।
दो दिन के वर्कशॉप में गुजरात पाटन जिले से ऑल इंडिया रामानुजन मैथ्स क्लब के दो वैदिक गणित मास्टर्स डॉक्टर रुपेशभाई भाटिया एवं धनराज ठक्कर ने बच्चों से आत्मीय पूर्वक व्यवहार किया था । पहले दिन पहला सेशन में अपना परिचय नवीन तरह से दिया, बच्चों को अपना पूर्ण परिचय देने के लिए कहा, बाद में बच्चों को सबको अपने नए पांच पांच मित्र बनाना है, उनका परिचय करना है । फिर वैदिक गणित एवं उनके रचयिता का परिचय करने के बाद में पूरे दिन वैदिक गणित जो सरल गणित है उनकी विधियां सिखाई एवं एक्टिविटी लर्निंग में गणित की विविध गेम भी खिलाई । बच्चों दोनो मास्टर्स से ऐसे गुल मिल गए थे की दोनों को वर्षों से पहचानते हैं । बायनरी कोस्टक से अपनी उम्र जानना यह एकटीविटी आकर्षण का केंद्र रही ।
शाम को बच्चों ने म्यूजिक के साथ एंजॉय किया । सब लोग नाचे कूदे एवं मौज किया । रात को बढ़िया भोजन लेकर सो गए ।
दूसरे दिन बच्चों ने फिर से सरल गणित की विधियां सीखी एवं गणित की गेम भी खेले । इनमें मैच बॉक्स की स्टिक की संख्या पहचानना वह गेम का आकर्षण रहा । बाद में बच्चों को पांच टीम का विभाजन करके क्विज खिलाई गई । गणित क्विज में सभी बच्चों की पांच टीम का विभाजन हुआ । इन टीमों का नाम हमारे भारतीय गणितज्ञ भास्कराचार्य, श्रीनिवासन रामानुजन, श्रीधराचार्य, आर्यभट्ट एवं भारती कृष्णतीर्थजी महाराज का नाम दिया था । बच्चों ने क्विज के प्रश्नों का 1 मिनट से कम समय में उत्तर दिया था। इन टीमों में से प्रथम तीन टीमों को इनाम देकर सम्मानित किया एवं बाकी दो टीमों को भी प्रोत्साहित इनाम दिया गया । सभी बच्चों को यह क्विज एक नया अनुभव रहा ।
वर्कशॉप के समापन सेशन में पांच बच्चों ने अपना अनुभव कथन किया । जिसमें बच्चोंने बताया ऐसा वर्कशॉप हमने कभी नहीं किया था, यह हमारा अविस्मरणीय अनुभव है, हमारे साथ सभी वॉलिंटियर्सने अच्छा व्यवहार किया है, सबने हमें बहोत आनंद करवाया है । दो मास्टर्सने भी हमें सरल गणित सिखाया है । ऐसी एक्टिविटी जब भी होगी तो हम अवश्य भाग लेंगे । बाद में सब बच्चों को प्रमाण पत्र दिया गया एवं वॉलिंटियर्स एवं मास्टर्स को सम्मानित किया गया । आभार दर्शन करके सब अपने घर पर प्रस्थान के लिए निकले ।

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