
नरेश सोनी हजारीबाग संवाददाता
बाल श्रमिकों को विमुक्त कराने हेतु श्रम अधीक्षक के द्वारा चलाया गया अभियान
शहरी क्षेत्र के कई प्रतिष्ठानों से बाल श्रमिकों को कराया गया मुक्त
14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से होटल, ढाबों एवं प्रतिष्ठानों में कार्य कराना संगीन दंडनीय अपराध, कड़े प्रावधानों के तहत हो सकती है सजा
श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल_विकास विभाग
हजारीबाग में उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय के निर्देशानुसार श्रम अधीक्षक अनिल कुमार रंजन एवं धावादल द्वारा जिले के होटल, ढाबों एवं प्रतिष्ठानों में बाल श्रमिकों को विमुक्त कराने हेतु अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत् हजारीबाग शहरी क्षेत्र के राजेश भोजनालय, बाबुगाँव, देवागंना रोड, से 01 बाल श्रमिक, होटल कृष्णा टिविष्ट्र जोन, मटवारी से 01 बाल श्रमिक एवं मुखिया जी लाईन होटल एण्ड फैमली रेस्टुरेंट, सिझुआ, इचाक से 02 बाल श्रमिको को विमुक्त कराया गया। धावा दल में श्रम अधीक्षक सहित श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, सदर, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी एवं बाल कल्याण समिति के सदस्य भी उपस्थित थे। विमुक्त बाल श्रमिक को उनके अभिभावक को सुपुर्द करने हेतु #CWC में भेज दिया गया है।
अल्पवयस्क बाल श्रमिक (उन्नमूलन एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम 1986 के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से होटल, ढाबों एवं प्रतिष्ठानों में कार्य कराना संगीन दंडनीय अपराध है। इसके लिए अधिनियमांतर्गत 20,000/- से 50,000/- तक अर्थदंड एवं अभियुक्त को छः माह से दो वर्ष तक का कारावास की सजा हो सकती है।