
सदगुरु कबीर साहेब का 626 वा प्रगट दिवस राजस्थान के गांव भलो का बाड़ा में मनाया गया
स्थान भलो का बाड़ा तहसील समदड़ी जिला बालोतरा
कबीर संत समाज के द्वारा गांव भलो का बाड़ा मैं मैं जेष्ठ पूर्णिमा तारीख 21/06/2024को विश्व वंदनीय सत्पुरुष संत सम्राट सदगुरु कबीर साहेब का जन्म उत्सव 626वा प्रगट उत्सव अध्यापक भंवर लाल जी के निवास स्थान पर हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया रात्रि में सभी समाज संत समाज द्वारा सत्संग भजनों का आनंद लिया गया सदगुरु कबीर साहब ने मानव समाज को हमेशा प्रेम का ही पाठ पढ़ाया शुद्ध शाकाहारी होना ही बताया कबीर का जन्म 1398 ईस्वी (विक्रम संवत 1455) में हुआ था। उनके जन्म स्थान को लेकर कई मान्यताएँ हैं, लेकिन मुख्यतः यह माना जाता है कि उनका जन्म वाराणसी (काशी) में हुआ था। कबीर दास जी का जीवन और उनकी शिक्षाएँ भक्ति और सादगी पर आधारित थीं, और उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों और आडम्बरों के खिलाफ अपने दोहों और रचनाओं के माध्यम से संदेश दिया विकिपीडिया के अनुसार सुना है कि दमोह खेड़ा में सब का प्रगति उत्सव अमावस को मानते हैं आप ग का अध्ययन करेंगे तो पता चलेगा सदगुरु कबीर साहब कलयुग में 16 बार प्रकट हुए प्रथम बार संपत 1120 ई सेट सुदी अमावस को प्रकट हुए थे इसीलिए दामोखेड़ा में जेठ अमावस के दिन कबीर साहेब का प्रकट उत्सव मनाया जाता है कबीर साहेब ने 15 वे बार में धर्मदास साहेब को दर्शन दिया था तब से जेष्ठ पूर्णिमा को प्रगट हुए थे कबीर मंसूर में कुछ इस तरह ही वर्णन किया गया है इसी संदेश के साथ सदगुरु कबीर साहेब का प्रकट उत्सव मनाया गया रात्रि में भजनों का आनंद भी लिया गया पहले आरती पूजा फिर पूर्णिमा पाठ के सत्संग का आनंद
इंडियन टीवी न्यूज़ रिपोर्टर भोलाराम भील